दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से ज्यादा वक्त बैठे किसानों ने आखिरकार घर लौटने का फैसला कर लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा भी कर दी है। मोर्चा ने कहा है कि 11 दिसंबर को दिल्ली की सीमाओं से आंदोलनकारी किसान हट जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को मिली चिट्ठी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी पर कानूनी गारंटी और पुलिस केस वापस लेने का आश्वासन दिया है।

किसान नेता राकेश टिकैत भी इसकी लगातार मांग कर रहे थे। इस घोषणा के साथ ही राकेश टिकैत का वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप के साथ एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। अंजना ओम कश्यप ने सवाल पूछा था, ‘ये बताइये इस आंदोलन की क्या भूमिका रहेगी उत्तर प्रदेश के चुनाव में। क्योंकि विपक्ष तो लगातार कह रहा है कि चुनावी मजबूरी की वजह से ये कानून वापस लिए गए हैं। अब चुनाव में आपकी क्या भूमिका रहने वाली है।’

इसके जवाब में किसान नेता ने जवाब दिया था, ‘हमने तो कहा कि 3-4 महीने में तो सरकार ने बातचीत का मन बनाया है। अब ये आंदोलन समाधान की तरफ जा रहा है। जब चुनाव आएगा तो चुनाव की बात बाद में कर लेंगे। हम लोगों की क्या भूमिका रहेगी, ये जानने की ज्यादा जल्दी करने का कोई फायदा नहीं है। हम लोगों को चुनाव लड़ना नहीं है। अब जिसको भी चुनाव मैदान में उतरना है वो अपना देखे। हम लोग अगर सरकार में बैठे बीजेपी और योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नहीं बोलेंगे तो किसके खिलाफ बोलेंगे।’

राकेश टिकैत ने आगे कहा, ‘अगर हमारे बिजली के भुगतान, गन्ना की कीमत की बात आएगी तो हम लोग योगी आदित्यनाथ से ही कहेंगे। अगर बीजेपी शासित राज्य में कांग्रेस के खिलाफ बोलें तो क्या फायदा। हम लोग किसी पार्टी और व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। हम लोगों की लड़ाई अपने हक के लिए है। हमारी मांगें सिर्फ कानून वापसी को लेकर ही नहीं थी। हम लोगों की मांग एमएसपी को लेकर भी थी।’

बता दें, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, इस बारे में 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक होगी। इसमें सरकार के वायदे कितने अमल पर आए इस पर विचार होगा। अगर वायदे पूरे नहीं होते दिखाई दिए तो दोबारा आंदोलन किया जाएगा।