लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अभियुक्त केंद्रीय मंत्रीअजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार 11 बजे तक क्राइम ब्रांच के सामने पेश होना है। शुक्रवार को नोटिस जारी होने के बावजूद भी आशीष क्राइम ब्रांच के सामने पेश नहीं हुए। उन्हें लेकर ऐसी ख़बरें आईं कि वो नेपाल भाग गए हैं हालांकि उनके पिता की तरफ से बताया गया कि स्वास्थ्य कारणों से वो पुलिस के सामने पेश नहीं हो पाए। इस बात को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और प्रदेश की पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हुए। इसी मुद्दे पर बहस के दौरान टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ ने बीजेपी सासंद राकेश सिन्हा से सवाल किया।

नाविका कुमार ने पूछा, ‘राकेश सिन्हा जी, 302 की एफआईआर शायद बीजेपी सरकार को उत्तर प्रदेश में या केंद्र में समझ ही नहीं आई। क्योंकि आशीष मिश्रा जी कभी बीमार हो जाते हैं, कभी नेपाल भाग जाते हैं, कभी उनके घर पर एक नोटिस लगता है, कभी दूसरा नोटिस लगता है। पापा मंत्री, बेटा गायब, ये किस तरह की सरकार है? ये किस तरह की कानून व्यवस्था है राकेश सिन्हा जी?’

जवाब में बीजेपी सांसद ने कहा, ‘एक बात समझ लीजिए, जिसने भी गलती की या जिससे भी गलती हुई उसे सजा मिलेगी। कानून काम कर रहा है और करता रहेगा..चाहे कोई मंत्री का बेटा हो, विधायक का बेटा हो या कोई और।’

उन्हें टोकते हुए नाविका कुमार ने कहा, ‘राकेश सिन्हा जी ये सुनते हुए 6 दिन हो गए कि जिसने भी गलती की है….जब तफशिस ही शुरू नहीं हुई तो गलती वाला आदमी पकड़ा कैसे जाएगा?’

राकेश सिन्हा बोले, ‘नाविका जी, कई मामलों में होता है ऐसा। चूंकि किसी राजनीतिज्ञ का बेटा है इसलिए हम यहां न्यायलय बनकर फैसला सुना दें, ये संभव नहीं।’ उनकी इस बात पर नाविका कुमार ने कहा कि इस मामले पर जांच की बात की जा रही है फैसला सुनाने की नहीं। जवाब में बीजेपी सांसद ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि जो राजनीतिज्ञ अपने बेटे को बचाने की कोशिश करेगा, उसे भी सजा मिलेगी। मैं कहना चाहता हूं कि शवों की राजनीति कांग्रेस की फितरत बन गई है, ये उत्सव मना रहे हैं। पूरा देश इस पर एकमत है कि जो 8 लोग मारे गए हैं, जो भी अपराधी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।’

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आगे कहा, ‘एक आदमी दलित मुख्यमंत्री के खिलाफ वहां जिहाद करने जा रहा है। कांग्रेस की बड़ी नेता प्रियंका जी वहां झाड़ू का विज्ञापन देने गईं हैं। मुझे नहीं मालूम कि भाई और बहन के बीच प्रतिस्पर्धा है, चन्नी और नवजोत सिंह के बीच प्रतिस्पर्धा है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को जिस प्रकार से सड़क पर उतारकर अपनी आंतरिक राजनीति को थोपने का काम किया है वो दुर्भाग्यपूर्ण है।’