राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9 साल की बच्ची की संदिग्ध मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़िता की मां ने यह आरोप लगाया है कि उनकी बेटी के साथ बलात्कार हुआ है और उसका जल्दबाजी में अंतिम संस्कार किया गया। घटना के बाद से ही सियासी हलचलें भी तेज हो गई हैं। राहुल गांधी ने भी पीड़िता के परिवार से मुलाकात की, जिसे लेकर भाजपा ने तंज कसना शुरू कर दिया। इस मामले को लेकर अमिश देवगन के डिबेट शो में भी चर्चा की गई, जहां कांग्रेस नेता अलका लांबा ने पीएम मोदी, सीएम अरविंद केजरीवाल और गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसा।
डिबेट शो में कांग्रेस नेता अलका लांबा ने पैनलिस्ट पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए उन्हें चूड़ियां भी दिखाईं। अलका लांबा ने अपने बयान में कहा, “देश के प्रधानमंत्री मोदी जी हैं, गृह मंत्री अमित शाह जी हैं, दिल्ली की पुलिस और कानून व्यवस्था भी उन्हीं के हाथ में है।”
अपने बयान में अलका लांबा ने आगे कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं। लेकिन सवाल किससे पूछा जा रहा है, न अरविंद केजरीवाल से, न मोदी जी से और न गृह मंत्री अमित शाह से। सवाल पूछे जा रहे हैं राहुल गांधी से और यहीं से आपकी कायरता और पैनल में बैठे लोगों की मंशा साफ झलकती है।”
नहीं चाहिए दिल्ली को कमज़ोर और कायर गृहमंत्री और मुख्यमंत्री, जिनकी प्राथमिकताओं पर कभी भी बेटियों की सुरक्षा और अपराधियों को सज़ा दिलवाना नही रहा।#Shah_Ka_Pathha_Kejriwal #CrimeCapital #Delhi pic.twitter.com/qwUt6OrCTD
— Alka Lamba (@LambaAlka) August 5, 2021
अलका लांबा ने डिबेट में चूड़ियां दिखाते हुए आगे कहा, “हिम्मत नहीं है आप लोगों में, इसलिए चूड़ियां दे रही हूं आप लोगों को ताकि आप लोग सत्ता में मौजूद लोगों से सवाल कर सकें।” अलका लांबा ने गृह मंत्री अमित शाह और सीएम केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि बेटियों के बलात्कार को लेकर एक भी मीटिंग दोनों ने नहीं की।
अलका लांबा ने निर्भया कांड का जिक्र करते हुए कहा, “ये दोनों वही हैं, जिन्होंने निर्भया कांड पर खूब राजनीति की और लोगों से वोट बटोरे। आम आदमी पार्टी की बात करें तो मैं मानती हूं कि दिल्ली की कानून व्यवस्था इनके हाथ में नहीं है, लेकिन अगर अपराध हो तो पीड़िता और उसके परिवार को न्याय कैसे मिले, ये किसे सुनिश्चित करना चाहिए?”
अलका लांबा यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने आगे कहा, “हाईकोर्ट के कहने के बाद भी अरविंद केजरीवाल जी फास्ट ट्रैक कोर्ट में 18 से ज्यादा वकील नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में यह क्या पीड़िता को न्याय दिलाएंगे? शर्म कीजिए।”