अजकल कई सितारों वाली फिल्मों का दौर जोर शोर से छाया है। शाहरुख खान की फिल्म ‘पठान’ की अपार सफलता के बाद अब सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ सितारों से सजी-धजी ईद पर प्रदर्शित हुई है। इससे पहले भी ‘जुग जुग जियो’, ‘केजीएफ’, ‘आरआरआर’, ‘ब्रह्मास्त्र’, ‘बाहुबली’, जैसी कई सितारों वाली फिल्में दर्शकों के बीच लोकप्रिय हो चुकी हैं। इसके बाद फिल्म निर्माताओं को अपने हिसाब से कई सितारों वाली फिल्मों का भविष्य सुरक्षित दिखाई दे रहा है, जिसके कारण कई सारे निर्माता-निर्देशक और कलाकार कई सितारों वाली फिल्मों के निर्माण में जुटे हैं। हालांकि अगर फिल्म इतिहास उठाकर देखें तो कई सारी ऐसी फिल्में हैं, जो कई स्टार्स के होने के बावजूद असफल रहीं, जैसे ‘रेस 3’, ‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘सेल्फी’, ‘रामसेतु’, ‘सांवरिया’, आदि कई अनगिनत फिल्में हैं, जो बड़े सितारों की होने के बावजूद विफल रहीं। एक निगाह..
सितारों से सजी फिल्मों का दौर आज का नहीं है बल्कि काफी पहले से चला आ रहा है 1965 में प्रदर्शित फिल्म वक्त एक बहुत बड़ी सितारों से सजी फिल्म थी जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता बलराज साहनी, राजकुमार, सुनील दत्त, साधना ने ना सिर्फ सशक्त अभिनय किया था बल्कि एक करोड़ के बजट में बनने वाली यह फिल्म ने उस दौरान 6 करोड़ के करीब का कारोबार किया था। इसके अलावा ‘मुगल-ए-आजम’, ‘अनारकली’, ‘चलती का नाम गाड़ी’, ‘मेरा नाम जोकर’ ऐसी कई फिल्में थीं, जो सितारों से सजी फिल्में ही थीं। उस दौरान एक ही फिल्म के अंदर अपने पसंदीदा कलाकारों को एक साथ देखना प्रशंसकों का जुनून सा बन गया था।
शायद यही वजह है कि सितारों से सजी फिल्मों का दौर कभी भी खत्म नहीं हुआ। बालीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने कई सारी सितारों से सजी फिल्में दीं फिर चाहे वह सत्ते पर सत्ता हो, शान, शोले हो, अमर अकबर एंथोनी हो सुहाग। शाहरुख खान ने भी कई सारी सितारों से सजी फिल्में की जैसे कुछ कुछ होता है दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे कभी खुशी कभी गम आदि आदि। सलमान खान ने भी ‘हम आपके हैं कौन’, ‘रेस’, ‘नो एंट्री’, ‘जय हो’, ‘दबंग’, ‘हम साथ साथ हैं’, जैसी कई अनगिनत सितारों से सजी फिल्मों में काम किया। आमिर खान भी कई सितारों से सजी फिल्मों में नजर आए, जैसे ‘दिल चाहता है’, ‘हम हैं राही प्यार के’, ‘इश्क’, ‘रंग दे बसंती’, ‘थ्री ईडियट्स’, कहने का मतलब यह है कि बालीवुड के ज्यादातर कलाकारों ने सितारों से सजी फिल्मों में काम किया है।
लेकिन, ऐसा नहीं है कि सारी सितारों से सजी फिल्में सफल ही रही हैं। एक दौर ऐसा भी आ गया जब सितारों से सजी फिल्मों को दर्शक नकारने लगे। इन फिल्मों के बजाय छोटे बजट की फिल्में दर्शकों द्वारा पसंद की जाने लगीं। लेकिन, दक्षिण की हिंदी भाषा में भी बनी ‘बाहुबली’, ‘केजीएफ’, ‘पुष्पा’, ‘आरआरआर’ ने एक बार फिर सितारों से सजी फिल्मों का दौर शुरू कर दिया। इसके बाद कई सारी ऐसी फिल्में आ रही है, जो ना सिर्फ भव्य पैमाने पर बन रही है। कई सितारों से सजी फिल्मों की दौड़ में कई और सारी फिल्में है भविष्य में प्रदर्शित होने वाली है।
इन फिल्मों पर टिकी लोगों की निगाहें
फिलहाल, सबकी नजरें सलमान खान की फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ में अटकी है। इसके अलावा भी कई बड़ी फिल्में कतार में हैं जिसमें बालीवुड का भविष्य टिका है। जैसे ‘बड़े मियां छोटे मियां 2’, ‘बजरंगी भाईजान 2’ ‘दबंग 3’ ‘कृष 4’, ‘ब्रह्मास्त्र 2’, ‘पुष्पा 2’, ‘पठान 2’ शाहरुख खान की ‘जवान’, प्रभास की ‘आदिपुरुष’ , प्रभास की ‘सालार’, ऋतिक रोशन की ‘फाइटर’ और ‘वॉर 2’, अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण की ‘प्रोजेक्ट के’, अजय देवगन की ‘भोला 2’ और ‘दृश्यम 3’, सलमान खान की ‘टाइगर 3’ आदि कई सारी सितारों से सजी फिल्में प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि फिल्मोद्योग का समय अच्छा हो या खराब, सितारों से सजी फिल्मों का दौर कभी भी खत्म नहीं होगा। बशर्ते सितारों से सजी फिल्मों में भव्य सेट, प्रसिद्ध सितारों के साथ अच्छी कहानी और निर्माण भी हो।
(Written By- Arti Saxena)
