बॉलीवुड इंडस्ट्री में हमेशा कुछ ना कुछ नया ट्रेंड आता रहता है। फिर चाहें वह अलग तरह के कॉस्ट्यूम्स हों या फिर शूटिंग लोकेशन हो। इस बदलते ट्रेंड्स को ही दर्शक पसंद करते हैं। बॉलीवुड की अधिकांश फिल्मों की शूटिंग अब विदेशों में ही की जाती है।
आज के दौर में पेरिस, लंदन जैसी जगहों पर फिल्म शूट करना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन एक वक्त था जब यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों के जरिए स्विजरलैंड को इंडिया में पॉपुलर हो गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि विदेश में फिल्म शूट किए जाने का ट्रेंड किसने शुरू किया था, और वह कौन सी फिल्म थी जिसे पहली वार विदेशी भूमि पर शूट किया गया था।
विदेश में शूट होने वाली पहली भारतीय फिल्म
रिपोर्ट के मुताबिक 1964 में पहली बार भारतीय फिल्म विदेश में शूट की गई थी। इस फिल्म का नाम था संगम। फिल्म लव ट्राएंगल पर आधारित थी और इसमें राजकपूर, वेजयंती माला और राजेंद्र कुमार के बीच प्रेम दिखाया गया है। फिल्म के रोमांटिक सीन्स वेनिस, पेरिस और स्विटजरलैंड में फिल्माए गए थे। इसके अलावा ‘संगम’ पहली सबसे ज्यादा लंबी फिल्म भी बनी, जो 238 मिनट यानी करीब चार घंटे की है।
इस फिल्म में दो इंटरवल भी थे। इसके अलावा यह राजकपूर प्रोडक्शन की पहली रंगीन फिल्म भी थी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस को हिला कर रच दिया था, फिल्म ने बजट से चार गुना ज्यादा कमाई। इस फिल्म के बाद ही बॉलीवुड में फिल्मों को विदेशों में शूटिंग का ट्रेंड शुरू हुआ था। वहीं कुछ रिपोर्ट में दावा किया जाता है कि विदेशी लोकेशन पर शूट होने वाली पहली भारतीय फिल्म का नाम ‘अफ्रिका में हिंद’ है। यह फिल्म 1940 में हिरेंद्र बसु के निर्देशन में बनी थी। इस फिल्म की शूटिंग अफ्रिका में हुई थी।
संगम के बाद इन फिल्मों की विदेश में हुई शूटिंग
राजकपूर की ‘संगम’ के बाद 1964 में ही अशोक कुमार की फिल्म नाज की भी शूटिंग विदेश में हुई। इस फिल्म के बाद शक्ति सामंत ने 1967 में अपनी थ्रिलर फिल्म ‘एन ईवनिंग इन पेरिस’ की शूटिंग पेरिस में की। इस फिल्म में शर्मीला टैगोर और शम्मी कपूर एक साथ नजर आए थे। इसके बाद ‘लव इन टोक्यो’, यश चोपड़ा की ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’। की शूटिंग स्विटजरलैंड और यूरोप में हुई। इसके बाद से सिलसिला कायम है।