एबीपी की लाइव डिबेट में रूबिका लियाकत के सामने बीजेपी प्रवक्ता और कांग्रेस प्रवक्ता भिड़ते दिखाई दिए। इस बीच संबित पात्रा ने कांग्रेस नेता अजय दुबे को खूब सुनाया। तो वहीं रूबिका लियाकत बीजेपी नेता संबित पात्रा से उल्टा सवाल करती दिखीं, जिसका जवाब संबित भी देते दिखे। संबित पात्रा ने डिबेट के दौरान कहा- ‘ये कांग्रेस प्रवक्ता बनाना कोई आसान काम नहीं है। मैं कांग्रेस प्रवक्ताओं को सेल्यूट करता हूं, मेरे बड़े भाई हैं.. बहुत अच्छे और सज्जन व्यक्ति हैं।’

कांग्रेस प्रवक्ता के लिए पात्रा बोले- ‘कितनी तकलीफ होती होगी, किस प्रकास ऐसेचाबी दिया और ऐसे चिल्लाना शुरू कर देते हैं। ये सारी सच्चाई जानते हैं, इतने विद्वान व्यक्ति हैं यें-बहुत पढ़े लिखे व्यक्ति हैं यें। उसके बावजूद ये चिल्ला चिल्ला कर सब कुछ डिफेंड करते हैं। आप मेरा नमस्कार स्वीकार करें। आप बहुत महान हैं। आप पुरुष नहीं आप महापुरुष हैं। ये कांग्रेस पार्टी के तमाम प्रवक्ताओं के लिए है। ‘

उन्होंने आगे कहा- ‘दूसरी बात ये कह रहे थे हम इनको पत्थर मार रहे हैं। पत्थर वही मारे जिनसे पहले कभी पाप नहीं किया है। अभय जी हम आपको पत्थर क्यों मारेंगे भला। पत्थर तो आपके खुद के लोग मार रहे हैं। आप पत्थर बटोर कर के उनको मार रहे हैं। आनंद शर्मा जी कोई बीजेपी के थोडे ही हैं। गुलाम नवी आजाद बीजेपी के थोड़े ही हैं। आप उनका पुतला जला रहे हैं। वो आपके विषय में कह रहे हैं। वो मनीष तिवारी बीजेपी के थोड़े ही हैं? संदीप दीक्षित बीजेपी के थोड़े ही हैं? ये तोगोदी वाले नेता हैं..ये तो सारे आपकी गोदी में बैठे हुए थे। आप तो गोदी मीडिया न जाने क्या क्या बोलते हैं। लेकिन आपके गोदी वाले नेता हैं जो आपको पत्थर मार रहे हैं।’

पात्रा ने आगे कहा- एक फिल्म थी छप्पन टिकली, अरे छप्पन टिकली के भी छप्पन गड्ढे थे। कांग्रेस पार्टी की हार देखिए बावन पर अटके हुए हैं। 56 तक नहीं जा पा रहे हैं। आप ये आईएसएफ के साथ गठबंधन कर रहे हैं।

इस पर रूबिका लियाकत कहती हैं तो संबित पात्रा आपने भी तो पीडीपी के साथ किया ना गठबंधन? गठबंधन की डेफिनेशन आपके साथ बदल जाती है? और अभय दुबे के साथ बिलकुल बदल जाती है, कैसे?

संबित जवाब देते हुए कहते हैं- बिलकुल सही, बिलकुल सही। देखिए पीडीपी के साथ गठबंधन करके भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ा था याद करिए। चुनाव के बाद सरकार बनने का कोई उपाय नहीं था। हम गठबंधन नहीं करते तो राष्ट्रपति शासन लगता। इसलिए कुछ भी करना है, किंतु सरकार बनना चाहिए ताकि जम्मू कश्मीर के लोगों का भला हो। पर वो भी नहीं हो पाया इस वजह से गठबंधन को तोड़ना पड़ा।