भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा कि लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर की गई हत्या को वो ग़लत नहीं मानते। उन्होंने कहा कि लखीमपुर में गाड़ियों के काफिले ने चार किसानों को रौंद दिया। इसकी प्रतिक्रिया में दो भाजपा कार्यकर्ता मारे गए और इसमें शामिल लोगों को वो अपराधी नहीं मानते। उनके इस बयान की कई लोगों ने आलोचना की है। आज तक के डिबेट शो में अंजना ओम कश्यप ने राकेश टिकैत के इसी बयान को लेकर कांग्रेस नेता रोहन गुप्ता से सवाल किया।

डिबेट शो, ‘दंगल’ में अंजना ओम कश्यप ने रोहन गुप्ता से कहा, ‘राकेश टिकैत इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में आए हुए थे और वो सीधा मना कर रहे थे कि जो अन्य लोगों की वहां लिंचिंग हुई। जो कि वहां गाड़ी से निकले उन्हें पीट पीट कर मारा गया..पूरा वीडियो है। कह रहे थे उसमें हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए। क्या आप उसके बारे में कुछ कहेंगे कि राकेश टिकैत ने गलत कहा और उनका ये कहना संविधान और देश के कानून के खिलाफ है? वो बचाव कर रहे थे उन लोगों का जिन्होंने लोगों को पीट-पीट कर दिन दहाड़े मार डाला।’

उनके इस सवाल पर कांग्रेस नेता ने जवाब दिया, ‘बिलकुल नहीं होना चाहिए। कानून व्यवस्था का काम राज्य सरकार का है चाहे वो किसी भी पार्टी की हो। मैं उसमें बोलना नहीं चाहूंगा। मृत्यु सबकी… ।’ उन्हें टोकते हुए अंजना ओम कश्यप ने फिर पूछा, ‘नहीं.. नहीं, हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए या नहीं होना चाहिए?’ जब रोहन गुप्ता ने कहा कि बिलकुल होना चाहिए तो कश्यप ने कहा, ‘तो बोलिए कि राकेश टिकैत ने गलत कहा।’

रोहन गुप्ता ने उनकी बातों से सहमति जताते हुए कहा, ‘हत्या, हत्या है। बिलकुल गलत कहा। मैं बोल रहा हूं कि जो लोग भी उसमें मरे, सबके अपराधियों पर मुकदमा होना चाहिए। अगर हर कोई कानून अपने हाथ में ले लेगा तो ये देश है कोई बरमूडा ट्रायंगल नहीं है जो भाजपा बनाना चाह रही है। बड़े दुख की बात है..हर जगह ये कहा जाता है कि कांग्रेस ने इससे पॉइंट्स गेन किए, यहां पॉइंट्स गेन करने की बात नहीं है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर पहले ही दिन सरकार संवेदनशील होती, गिरफ़्तारी होती तो कहां किसी पार्टी को वहां जाकर बैठने का मौका मिलता? हमारी नेता (प्रियंका गांधी) को गिरफ्तार किया गया उसके बाद दबाव बना और जब कोई रास्ता नहीं बचा तो गिरफ्तार किया गया। मुद्दा ये है कि इतने गंभीर मामले में भी सरकार पर दबाव डालकर काम करवाना पड़े तो ये शर्मनाक है।’