पटना का सियासी गलियारों में रिटायर्ड एक सीबीआई डायरेक्टर की पत्नी से जुड़ी खबरें दौड़ रही हैं। खबर यह है कि उस रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी की पत्नी बहुत जल्द ही भगवा रंग में रंगने वाली है। वैसे तैयारी तो आज यानी फरवरी 10 को ही रंग जाने की थी और अति गोपनीय तरीके से तय कार्यक्रम के अनुसार दिल्ली से पटना आए एक बड़े नेता को उस पूर्व अधिकारी की पत्नी को पार्टी का सदस्य बनाना था। इस मौके पर मोटर साइकिल जुलूस निकालने के लिए सैकड़ों नौजवानो को पेट्रोल के लिए पैसे भी दे दिए गए थे लेकिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा के कारण मिलन का तारीख कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दी गई है। एक सूत्र का दावा है कि अगले सप्ताह किसी भी दिन उनकी एन्ट्री पार्टी में हो सकती है। राम नामी भगवा पार्टी में इस बात की भी फुसफुसाहट है कि इस महिला को ‘खामोश बाबू’ की जगह पटना साहिब से कैन्डीडेट बनाया जा सकता है।
ये वही महिला हैं जब उनके पति सीबीआई डायरेक्टर थे तब उनके आवास पर उनसे मिलने आने वालों का नाम तीसरी रजिस्टर में दर्ज करवाती थीं। जांच एजेन्सी ने इस रजिस्टर को सीज करने के बाद पाया था कि देश के कई नामी गिरामी, शातिर और संत उनके आवास पर पधार कर उनकी खितदमत करते रहे हैं। कम हंसने वाले स्वभाव के उस अफसर ने अपनी सफाई में कहा था कि ‘मेरे आवास पर मेरी जानकारी के मुताबिक दो ही रजिस्टर हैं। ये तीसरा कहां से निकल गया मेरे को पता नहीं है।’
बहरहाल, भगवा रंग में रंगाने को तैयार 56 वर्षीय महिला के रिटायर्ड आईपीएस पति पर यह भी आरोप है कि जब वो उत्तर भारत में सीबीआई में उच्च पद पर थे तब चारा घोटाले को अपने स्तर से प्रभावित करने की भरपूर कोशिश की थी लेकिन उस एक हजार करोड़ रूपए वाले चारा घोटाले की जांच करने वाले सीबीआई के अल्ट्रा इमानदार उच्चाधिकारी ने उनकी मंशा को चकनाचूर कर दिया था। मजेदार बात यह है कि ये विवादास्पद सीबीआई अफसर भगवा पार्टी के प्रमुख नेताओं की आंख की किरकिरी रहे हैं। पार्टी के कई नेताओं ने इस आईपीएस अफसर पर, जब वो सीबीआई में थे, कांग्रेसी कठपुतली होने का आरोप कई बार लगाया है। इन नेताओं का ये भी आरोप रहा है कि यह अफसर नोटोरियस कोल एवं 2जी स्कैम में शामिल धुरन्धरों को बचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोपों में घिर चुके हैं।
भगवा पार्टी में अंदर तक पैठ रखने वाले एक नेता ने बताया कि बदलते राजनीतिक परिवेश में ऐसे उम्मीदवारों की खोज की जा रही है जिसके पास खजाने के अलावा जीत की संभावना झलकती हो। महिला को पार्टी में मिलाने की जोरदार पैरवी वैसे तो कई राजनीतिक महानुभाव कर रहे हैं लेकिन उनके शुभचिंतकों और पैरोकारों में वो भी हैं जो चारा घोटाले के कालखण्ड में इनके पति के खिलाफ शब्द वाण चलाते थे। झारखण्ड में सक्रिय कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री और जनता दल यू के एक वरीय प्रवक्ता भी इस मुहिम में जुटे हैं कि मैडम को भगवा रंग में रंग कर टिकट दिला दिया जाए। दोनो नेता महिला के स्वजातीय हैं और इनलोगों के ऊपर महिला के पति का बहुत एहसान है। सम्पर्क करने पर भगवा पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है ‘मेरे लिए इसमें कोई नई बात या गलत बात नहीं दिखती है क्योकि मेरी पार्टी गंगा है, इसमें जो भी डुबकी लगाएगा तर जाएगा। फिर कभी गलत काम करने के बारे में सोचेगा भी नहीं।’
याद रहे कि करीब डेढ़ दशक पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक चर्चित एवं शातिर अपराधी पृष्ठिभूमि के एक नेता, जिनका दिल्ली में भी जलवा है, ने जब भगवा पार्टी ज्वाइन की थी तो मीडिया तथा विपक्ष ने बड़ा हंगामा खड़ा किया था। हंगामे का जवाब देते हुए भगवा पार्टी की एक ओजस्वी महिला नेता ने कहा था कि ‘मेरी पार्टी गंगा है, इसमें कई अच्छी और गंदी नालियां और नदियां आकर मिलती हैं और मिलने के बाद हमेशा के लिए अपना वजूद खोकर पवित्र हो जाती हैं।’ हाल के दिनों में अपने को पवित्र बनाने के लिए कई विवादास्पद अधिकारी भी इस भगवा पार्टी रूपी गंगा में डुबकी लगा चुके हैं और कई कतार में खड़े हैं।

