उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लखनऊ में रविवार को साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती का मजाक उड़ाते हुए उन पर अभद्र टिप्पणी की। जब अखिलेश से पूछा गया कि इस गठबंधन में बसपा को क्यों नहीं शामिल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया, ‘जगह कैसे दे देते उन्हें? कितनी जगह लेती हैं वो, उनका तो चुनाव चिन्ह ही हाथी है।’ साथ ही अखिलेश ने कहा कि मायावती इस गठबंधन में बहुत ज्यादा जगह (हिस्सेदारी) मांगती, उतनी मैं और राहुल नहीं दे पाते।

हालांकि, दूसरी ओर राहुल गांधी मायावती की तारीफ करते हुए कहा, ‘मायावती जी का मैं व्यक्तिगत तौर पर सम्मान करता हूं। बसपा ने यूपी में सरकाई चलाई है और कुछ गलती की हैं। लेकिन अब भी उनका सम्मान करता हूं।’ ‘भाजपा क्रोध और नफरत फैलाकर एक हिन्दुस्तानी को दूसरे से लड़ाती है। उसकी विचारधारा से देश को खतरा है। मायावती की विचारधारा से देश को खतरा नहीं है। देश को आगे बढ़ना है तो हर धर्म के लोगों को एक साथ खड़े होना होगा। इस देश को तोड़कर आगे नहीं ले जाया जा सकता। मायावती जी और संघ में तुलना मत करिये।’

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आपस में गठबंधन किया है। विधानसभा चुनाव कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर लड़ेंगी। कांग्रेस 105 और समाजवादी पार्टी 298 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।

अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने रविवार लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके गठबंधन के थीम सॉन्ग ‘यूपी को ये साथ पसंद है’ लॉन्च किया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि सपा और कांग्रेस का यह गठबंधन गंगा और यमुना का मिलन है। राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की ‘नीयत’ साफ नहीं है और वह सपा के साथ मिलकर उनकी ‘क्रोध’ की राजनीति का मुकाबला करेंगे। राहुल ने कहा, ‘इस गठबंधन से उनके अखिलेश से निजी और राजनीतिक संबंध गहरे हुए हैं। यह गंगा और जमुना का संगम है, जिसमें से तरक्की की सरस्वती निकलेगी। हम क्रोध और गुस्से की राजनीति को रोकना चाहते हैं क्योंकि इससे जनता को नुकसान हो रहा है। जो क्रोध भाजपा और संघ फैला रहे हैं, उसका मुकाबला करने के लिए हम एक साथ आये हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के डीएनए में क्रोध नहीं बल्कि प्रेम और भाईचारा है।’