राजस्थान में झालावाड़ लोकसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह के कारण आकर्षण का कारण बन गई है। दुष्यंत सिंह चौथी बार सांसद बनने के लिए मैदान में उतरे हैं । कांग्रेस ने उनके सामने इस बार नए चेहरे प्रमोद शर्मा को मैदान में उतारा है। शर्मा विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उनके साथ कई भाजपाइयों के लगने से ही दुष्यंत सिंह को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है।
नेता पुत्र के चुनाव लड़ने के कारण जोधपुर की तरह ही झालावाड़ संसदीय क्षेत्र पर भी प्रदेश के राजनीतिकों की निगाहें लगी हुई हंै। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह चौथी बार सांसद बनने के लिए फिर से मैदान में उतरे हुए हैं। यह सीट झालावाड़ और बारां जिले की आठ विधानसभा सीटों को मिला कर बनी है। भाजपा और पहले जनसंघ का मजबूत इलाका रहा यह क्षेत्र 1989 से ही वसुंधरा राजे की राजनीतिक जमीन रही है। राजे इस सीट से पांच बार सांसद बनीं हैं और झालावाड़ से विधायक बनती आ रही हैं।
राजे तीन दिन से झालावाड़ इलाके में घूम रही हैं। राजे अपनी सभाओं में ग्रामीणों को याद दिला रही हैं कि कैसे उनके मुख्यमंत्री रहते इस क्षेत्र का बड़ा विकास हुआ है। राजे का कहना है कि उन्होंने झालावाड़ के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी। राष्ट्रीय स्तर के शिक्षा और चिकित्सा संस्थानों की स्थापना की। झालावाड़ में हवाई पट्टी बनवा कर उसे हवाई सेवा से भी जोड़ा। दुष्यंत सिंह भी अपने तीन क ार्यकालों का हवाला देकर जनता से अपने घरेलू संबंधों का जिक्र कर रहे हैं। दुष्यंत सिंह का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में ही देश तरक्की कर सकता है। इसके साथ ही सेना के हवाई हमले और राष्ट्रवाद की गूंज भी इस संसदीय इलाके में खूब है।
इस बार दुष्यंत सिंह के मुकाबले के लिए कांग्रेस ने प्रमोद शर्मा को मैदान में उतारा है। शर्मा विधानसभा चुनाव से पहले तक भाजपा की युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष थे। उन्होंने भाजपा को छोड़ कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। प्रदेश के खनिज मंत्री प्रमोद जैन भाया का इस संसदीय क्षेत्र के बारां जिले में तगड़ा प्रभाव है। उनकी सिफारिश पर ही कांग्रेस ने युवा प्रमोद शर्मा को इस कठिन सीट पर उतारा है। कांग्रेस ने क्षेत्र के अफीम उत्पादक किसानों की समस्याओं को उठाया है। कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल रहे बारां जिले में प्रभाव रखने वाले प्रदेश के खनिज मंत्री प्रमोद जैन का कहना है कि किसानों की समस्याएं हल करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। उनका कहना है कि इस बार बदलाव की लहर चलेगी। इस सीट पर तीस साल से एक ही परिवार का कब्जा चला आ रहा है। जनता अब इसमें बदलाव लाएगी। प्रदेश की गहलोत सरकार ने अपने छह महीने के शासन में ही कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। उनकी बदौलत कांगे्रस की मजबूत हो गई है।