उत्तराखंड में 92 में 84 नगर निकायों में 18 नवंबर को होने वाले नगर निगम चुनाव का प्रचार शुक्रवार शाम पांच बजे थम जाएगा। प्रदेश में 7 नगर निगम, 39 नगर पालिका परिषद और 38 नगर पंचायत शामिल हैं। जिसे लेकर मेयर और पार्षद प्रत्याशी सभी आखिरी दिन पूरी ताकत झोक चुनाव प्रचार में जुटे हैं। राज्य में चुनाव प्रचार के लिए वाहनों के काफिले के साथ ही लाउडस्पीकर के जरिये होने वाले प्रचार और नुक्कड़ सभाएं नहीं हो सकेगी। निकाय चुनाव हेतु नामांकन पत्र 20, 22 व 23 अक्टूबर को सुबह 10 से शाम पांच बजे तक दाखिल किए जाएंगे। 18 नवंबर को मतदान होना है, नियमानुसार मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले प्रचार रोक दिया जाता है।

निकाय चुनाव प्रचार का आखिरी दिन

उत्तराखंड निकाय चुनाव के लिए 48 घंटे का समय शेष बचा है। भाजपा, कांग्रेस के साथ ही अन्य दलों के प्रत्याशियों ने प्रचार तेज कर दिया है। ये दल अंतिम दिन प्रचार में पूरी ताकत झोक देना चाहते है। भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा प्रचार की कमान संभाले हुए है तो वही कांग्रेस की तरफ से प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सह प्रभारी राजेश धर्माणी, पूर्व सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह प्रचार की कमान संभाल रहे है।

आयोग ने पूरी की तैयारी 

उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार सभी निकायों में चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने 15 अक्टूबर को निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की थी। चुनाव के लिए शनिवार से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है। राज्य में निकाय चुनाव की सरगर्मियां जोरों पर है। प्रमुख सियासी दल भाजपा और कांग्रेस अपने प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं।

राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट के ने बताया कि, सभी जिलों में चुनाव के मद्देनजर तैयारियां सम्पन्न हो चुकी हैं। जिला मुख्यालयों की नगर पालिका परिषदों की चुनाव प्रक्रिया जिला मुख्यालयों और शेष निकायों की तहसील मुख्यालय अथवा जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा निर्धारित जगहों पर की जाएगी। शनिवार को नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। आज शाम से चुनाव प्रचार की गति पर विराम लग जायेगा क्योंकि मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले प्रचार रोक दिया जाता है।