उत्तराखंड में कांग्रेस ने सबसे पहले अपना चुनावी घोषणा जारी कर जनता को लोकलुभावन वायदों के माध्यम से लुभाने का प्रयास किया है। वहीं कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र पर पलीता लगाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने मुसलिम यूनिवर्सिटी का ऐसा दांव खेला कि कांग्रेस को अपना बचाव करना मुश्किल हो रहा है।
भाजपा के मुसलिम तुष्टीकरण के कांग्रेस पर लगाए गए आरोप को धोने के लिए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान तीर्थ नगरी हरिद्वार में आकर हर की पैड़ी पर गंगा आरती में शिरकत की। उन्होंने गंगा पूजन किया, गंगा में दीपदान किया, गंगा के प्रति गहरी आस्था दिखाते हुए गंगाजल का आचमन किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के उत्तराखंड दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार हरीश रावत द्वारा कांग्रेस के एक मुसलिम नेता को उत्तराखंड में सरकार बनने पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना करने का वादा करने का एक वीडियो वायरल किया है।
इसमें देहरादून जिले की सहसपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले कांग्रेस नेता शकील अहमद बयान दे रहे हैं कि उन्हें हरीश रावत ने कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ यह भरोसा देकर चुनाव लड़ने से रोका है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने और उनके मुख्यमंत्री बनने पर वे उत्तराखंड में मुसलिम यूनिवर्सिटी की स्थापना करेंगे।
इस वीडियो को भाजपा ने अपने फेसबुक अकाउंट में अपलोड किया तो राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन ने कहा कि हरीश रावत और उनकी पार्टी कांग्रेस उत्तराखंड में चुनाव जीतने के लिए तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है जैसे 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री रहते हुए हरीश रावत ने एक संप्रदाय विशेष के राजकीय कर्मचारियों के लिए जुम्मे की नवाज के लिए सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया था।
रावत ने ऐसे किसी शासनादेश जारी करने का खंडन किया जिस पर भाजपा के केंद्रीय प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने हरीश रावत के मुख्यमंत्री काल में जुम्मे की नवाज अता करने का सरकारी शासनादेश मीडिया के सामने प्रस्तुत कर दिया और अब सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार की मौजूदगी में उन्हें कंधे पर उठाए मुसलिम समुदाय के लोग मस्जिद के बाहर कांग्रेस का तिरंगा झंडा लहराते हुए अल्लाह ओ अकबर के नारे लगा रहे हैं, इसका वीडियो भी तेजी से वायरल हुआ है।
कांग्रेस को मुसलिम तुष्यीकरण के नाम पर घेरने के लिए भाजपा ने हर हथकंडे अपना रखे हैं जिससे कांग्रेस बचाव की मुद्रा में है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के हरीश रावत समर्थकों ने एक वीडियो वायरल किया है जिसमें राज्य की भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत सिर में साफा बांधे एक मस्जिद से बाहर निकल रहे हैं, जिस पर कांग्रेस ने भाजपा को घेरने की कोशिश की है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरजेवाला ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में किसी एक व्यक्ति के नेतृत्व में नहीं बल्कि सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है, जिस तरह से हरीश रावत चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के तौर पर यह संदेश दे रहे हैं कि कांग्रेस उनके नेतृत्व में राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पार्टी हाईकमान ने रावत को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वे भले ही अपने को मुख्यमंत्री का चेहरा प्रस्तुत कर रहे हो परंतु हाईकमान उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं मानता। मुसलिम तुष्टीकरण के नाम पर हरीश रावत जो राजनीति कर रहे हैं उससे उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में होने वाले नुकसान को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान रावत के नेतृत्व से अपना पिंड छुड़ाना चाहता है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी चुनावी सभाओं में कांग्रेस पार्टी और हरीश रावत का हवाला देकर मुसलिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं और कांग्रेस मुसलिम यूनिवर्सिटी के मुद्दे से अपना पीछा नहीं छुड़ा पा रही है और तुष्टीकरण की राजनीति का भूत कांग्रेस के पीछे हाथ धोकर पड़ा है।
हरीश रावत का कहना हैै कि उन्होंने देवप्रयाग में संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने, फूलदेई और हरेला पर्व की उत्तराखंड की उत्तराखंडियत से जुड़े मुद्दे उठाए और हरेला पर्व का सार्वजनिक अवकाश किया तो भाजपा ने उनके इन फैसलों का समर्थन नहींं किया और अब चुनाव में भाजपा धर्म के नाम पर फायदा उठाने के लिए मुसलिम यूनिवर्सिटी जैसे मामले उठाकर सांप्रदायिकता के नाम पर राजनीति कर रही है।
