भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में शनिवार को होने वाली भारतीय सेना की कमांडर्स कांफ्रेंस को लेकर भी सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने केंद्रीय चुनाव आयोग को शिकायती पत्र भेजकर इस कांफ्रेंस पर रोक लगाने की मांग की है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस द्वारा कांफ्रेंस पर रोक लगाने की मांग का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस सेना के मामले में सियासत कर देश का माहौल बिगाड़ने में लगी हुई है। मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी ने कहा कि सेना की कमांडर्स कांफें्रस के बारे में उन्हें एक राजनीतिक दल का पत्र मिला है। उन्होंने इस कांफ्रेंस पर रोक लगाने के बाबत किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि इस मामले में आयोग नियमावली का अध्ययन कर रहा है। भारतीय सेना के तीनों सेना प्रमुख और राष्टÑीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इस कांफ्रेंस में हिस्सा लेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए शनिवार को देहरादून पहुंचेंगे। कमांडर कांफ्रेंस को लेकर देहरादून में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि कांफ्रेंस के मामले में केंद्रीय चुनाव आयुक्त को उत्तराखंड कांग्रेस ने अपनी शिकायत दर्ज करा दी है। रावत का कहना है कि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कांफ्रेंस में आने का बड़े जोर-शोर से प्रचार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखंड के चुनाव में चुनावी चेहरा बनाया हुआ है। उत्तराखंड में बड़ी तादाद में पूर्व सैनिक रहते हैं जो इस कांफ्रेंस से प्रभावित होंगे। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार इस कांफ्रेंस का देहरादून में होना आचार संहिता का उल्लंघन है। रावत ने कहा कि इस कांफे्रंस का समय गलत है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के बाद यह कांफ्रेंस रखी जानी चाहिए थी।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि सेना के कमांडरों की इस कांफ्रेंस का भाजपा की राजनीति या विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है और रावत इस मामले में गलत राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रावत सेना के गौरव पर चोट पहुंचा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून में कमांडर्स कांफ्रेंस को लेकर तैयारियां जोरों पर है। माना जा रहा है कि कमांडरों की इस कांफ्रेंस में आठ मुद्दों- जम्मू कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से लगती सीमा और जम्मू- कश्मीर की नियंत्रण रेखा की संवेदनशीलता, पूर्वोत्तर से लेकर जम्मू कश्मीर तक फैली चीन सीमा पर गतिविधियों, चीन सीमा पर नई माउंटेन कोर स्थापित करने, सशस्त्र बलों में कम से कम दुर्घटनाओं की रणनीति बनाने, सामरिक महत्त्व के हथियारों की आवश्यकता, आतंकवादी गतिविधियों पर सेना के रवैये और सैनिकों और पूर्व सैनिकों से जुड़े मामलों पर विचार होगा।
सूत्रों के मुताबिक सेना के कमांडरों की इस कांफ्रेंस में भारत में अमेरिका और चीन की तरह सेना की एकीकृत कमान बनाने पर भी विचार किया जा सकता है। एकीकृत या थिएटर कमांड व्यवस्था के तहत देश की तीनों सेनाओं की सभी कमांड किसी युद्ध या आपातकालीन स्थिति में एक ही कमांडर के निर्देशन में काम करेंगी। इस कमांडर कांफे्रंस में भारतीय सेना के अफसर इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण भी कर सकते हैं। देश में सैन्य अफसरों व रक्षा विशेषज्ञों का एक बड़ा तबका काफी समय से थिएटर कमांड सिस्टम की मांग कर रहा है। चीन के इस अमेरिकी व्यवस्था को अपनाने के बाद भारत में भी नए सिरे से यह मांग उठ खड़ी हुई है। भारतीय थल सेना में 12 लाख, वायुसेना में दो लाख और जल सेना में 1 लाख जवान शामिल है।