बात नब्बे के दशक की है। बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम ने उस वक्त अपनी शिष्या मायावती को एक सलाह दी थी। उन्होंने मायावती से कहा था कि वो पहले अपने भाषण को लिख लें। उसके बाद उसे मंच से पढ़ें। ऐसा करने से गलती की संभावना कम हो जाती है। कांशीराम की इस सलाह को मायावती ने माना।
उन्होंने अपनी सभी जनसभाओं और पत्रकार वार्ता में पढ़ कर ही वक्तव्य दिए। ऐसा ही कुछ अब आकाश आनंद करते दिखेंगे। मायावती ने अपने भतीजे को कांशीराम की कही बात याद दिलाई है और उसे हमेशा उन्हें लिख कर पढ़ने की सलाह दी है। पिछले दिनों आकाश आनंद केंद्र सरकार के विरुद्ध अपने एक बयान की वजह से विवादों में आ गए थे। उसके बाद बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक के पद से हटा दिया था। साथ ही उनको दिया अपना राजनीतिक उत्तराधिकार भी वापस ले लिया था।
मायावती के इस फैसले से सभी राजनीतिक दल और बहुजन समाज पार्टी का पूरा कैडर हतप्रभ रह गया था। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान खुद पर परिवारवाद का आरोप लगने पर मायावती ने अपने भाई और आकाश के पिता आनंद कुमार को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से हटा दिया था। आकाश को बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक पद से हटा कर मायावती ने पार्टी के भीतर यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि बसपा में उनका निर्णय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति के अलावा अन्य पिछड़ी जातियों के उनके पारंपरिक वोट बैंक को ध्यान में रख कर ही लिया जाता है। उसमें परिवारवाद की कोई जगह नहीं।
जबकि जानकारों का कहना है कि 18वीं लोकसभा के चुनाव में आकाश आनंद ने अपनी चुनावी सभाओं में जनता के बीच खासी लोकप्रियता बटोरी। पार्टी ने आकाश के एक बयान के बाद उन्हें दिए पद के अलावा राजनीतिक विरासत भी छीन ली थी। मायावती के बेहद करीबी सूत्र बहते हैं, केंद्र सरकार के विरोध में दिए गए आकाश के बयान के बाद मायावती ने उन्हें बुलाया। आकाश को कांशीराम की वो नसीहत याद दिलाई जिसमें उन्होंने मायावती को लिख कर बोलने की सलाह दी थी। मायावती ने आकाश आनंद को निर्देश दिए कि वो लिख कर बोलने का अभ्यास करें ताकि भविष्य में उनसे बोलते समय किसी तरह की त्रुटि न हो।
आकाश ने अपनी बुआ की दी सलाह को सिर-आंखों पर लिया है। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने अपने भाषणों को लिखना शुरू कर दिया है। कांशीराम की दी इस सलाह को वो भी अपने राजनीतिक व्यवहार में शुमार करने के लिए लगातार अभ्यास कर रहे हैं। बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक और मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी से हटाए गए आकाश आनंद ने गुरुवार को ट्वीट कर मायावती की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मायावती जी आप पूरे बहुजन समाज के लिए आदर्श हैं। करोड़ों देशवासी आप को पूजते हैं।
आप के संघर्षों से समाज को राजनैतिक ताकत मिली है। जिसके बूते बहुजन समाज सम्मान से जीना सीख पाया है। आप हमारी सर्वमान्य नेता हैं। आप का आदेश सिर माथे पर। भीम मिशन और अपने समाज के लिए अंतिम सांस तक लड़ता रहूंगा। आकाश ने यह ट्वीट कर के यह साफ कर दिया है कि उनके व उनकी बुआ के बीच किसी तरह का कोई मनमुटाव नहीं है।