लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हुए कम मतदान ने उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की पेशानी पर बल पैदा कर दिया है। कम मतदान को ध्यान में रख कर भाजपा ने अपने हर कार्यकर्ता को कम से कम दस मतदाता को घर से निकाल कर मतदान केन्द्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चुनावी सभाओं में मतदाताओं से अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने की लगातार अपील करते नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में मिशन अस्सी को पूरा करने का सब्जबाग पाले भारतीय जनता पार्टी आलाकमान ने कम मतदान की चुनौती से निपटने की जिम्मेदारी पार्टी के कार्यकर्ताओं के कंधों पर डाल दी है।

भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण में हुए कम मतदान को ध्यान में रख कर उत्तर प्रदेश के संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसी रणनीति तैयार करें जिस्से मतदाताओं को मतदाता केंद्रों तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया जा सके। पार्टी आलाकमान से निर्देश मिलने के बाद प्रदेश के नेताओं ने मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक पहुंचने के लिए प्रेरित करने और उन्हें मतदान के लिए घर से निकालने की जिम्मेदारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सौंप दी है।

दूसरे चरण में 26 अप्रैल को अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा की लोकसभा सीटों पर मतदान होना है। इन आठ सीटों पर कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे मतदान के दो से तीन दिन पहले अपने क्षेत्र के सभी मतदाताओं से कम से कम दो से तीन बार सम्पर्क करें। कार्यकर्ताओं को इस बात के निर्देश भी दिए गए हैं कि उनके क्षेत्र में रहने वाले जो मतदाता शहर के बाहर हैं उन्हें मतदान के लिए शहर बुलाने का प्रयास किया जाए।

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने बूथ, जिला और क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि वे हर हाल में अपने क्षेत्र के प्रत्येक मतदाता से गहन संपर्क करें। उन्हें केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों और विकास कार्यों से अवगत कराएं। साथ ही प्रत्येक मतदाता के मन में मतदान के लिए जोश भरें। इस पूरे अभियान की गहन समीक्षा भाजपा के वरिष्ठ नेता शक्ति केंद्रों से करेंगे।

इस बाबत पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी कार्यकर्ताओं को अभी से कहा गया है कि वे अपने गांव-गली और मोहल्लों में रहने वाले हर एक मतदाता तक पहुंचें और केंद्र और राज्य सरकार के कामों की उन्हें पूरी जानकारी दें। साथ ही इस बात के निर्देश भी कार्यकर्ताओं को जारी किए गए हैं कि वे इस बात पर भी पैनी नजर रखें कि उनके इलाके के कौन-कौन से मतदाता मतदान करने नहीं पहुंचे हैं। ऐसे मतदाताओं तक कार्यकर्ता बार-बार पहुंच कर उन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए प्रेरित करें ताकि दूसरे चरण से उत्तर प्रदेश में मतदान के फीसद में इजाफा किया जा सके।