विष्णु मोहन

इस बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में जो सबसे अहम रेकार्ड टूटने की उम्मीद की जा रही है, वह वोटों की संख्या है। माना जा रहा है कि इस विधानसभा चुनाव में अब तक हुए चुनावों की तुलना में कहीं ज्यादा वोट पड़ेंगे। इसका कारण यह भी है कि पिछले किसी भी चुनाव में इतनी ज्यादा तादाद में मतदान केंद्र नहीं बने थे। हालांकि पिछले दो चुनावों से मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ रही है, पर अब यह संख्या लगभग डेढ़ लाख तक पहुंच गई है। विधानसभा चुनाव में यह पहली बार हुआ है कि इतनी ज्यादा संख्या में मतदान केंद्र बने हैं और इनमें वोट डालने का इतना ज्यादा औसत बना है। निर्वाचन आयोग ने नया मानक स्थापित करते हुए सूबे की कुल 403 विधान सभा सीटों के लिए इस बार एक लाख 47 हजार 148 मतदान केंद्र बनाए हैं। जबकि 2012 के चुनाव में इनका संख्या एक लाख 33 हजार 879 थी। उत्तर प्रदेश में इस बार चुनाव में प्रति मतदान केंद्र वोट डालने का औसत लगभग एक हजार 48 मतदाता प्रति केंद्र है। इससे पहले वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में प्रति मतदान केंद्र का औसत एक हजार 29 मतदाता प्रति केंद्र था। केंद्रों की संख्या बढ़ने की वजह से ही इस प्रदेश के आला अफसरों ने हर बार से अधिक केंद्रीय सुरक्षा बलों की मांग की है। कानून-व्यवस्था व बढ़ते अपराध व जातिगत तनावों के चलते इस बार चुनाव के दौरान हिंसा की प्रबल संभावना को देखते हुए आला अफसरों ने पुलिस व पीएसी के साथ बड़ी तादाद में केंद्रीय सुरक्षा बलों की फील्ड में तैनाती करने ब्लूप्रिंट भी तैयार किया हुआ है।

मतदाता केंद्रों व मतदाता संख्या में हुए इजाफे को विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश में भी लग गए हैं। भाजपा जरूर अपनी इस कोशिश को वोटों के संभावित ध्रुवीकरण के जवाब में किए जाने वाली कोशिश ठहरा रही है। भाजपा के लिए संघ पहले ही वोटरों को घर से निकाल कर मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास करने का एलान भी कर चुका है। इसी तरह सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी और विपक्ष में रही बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने-अपने कार्यकर्ताओं को तैयार कर लिया है कि वे मतदाताओं को वोट डालने के लिए प्रेरित करें। रही अधिक संख्या में मतदान केंद्र बनाए जाने की बात, तो 1993 के चुनाव को छोड़ दें तो मतदान का औसत हर चुनाव में कम होता गया है। आंकड़े बताते हैं कि 1996 में प्रति मतदान केंद्र 826 और 2012 के चुनाव में प्रति केंद्र 952 मतदाता का औसत सामने आया। निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार कई मतदान केंद्र ऐसे हैं जिन पर वोटरों की संख्या एक हजार या इसके करीब पहुंचेगी।