मथुरा। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार (6 फरवरी) को यहां कहा कि खून-पसीना अन्न उपजाने वाला किसान तभी जान देता है जब उसे लगता है कि उसके साथ कोई नहीं है। यदि गठबंधन की सरकार बनी तो किसानों और युवाओं की मदद करेगी। राहुल ने कहा कि देश व प्रदेश में ऐसा कोई किसान नहीं होना चाहिए जिसको लगे कि उनकी सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है। इस सरकार का पूरा प्रयास होगा कि किसानों को कभी आंसू न बहाने पड़े। अगर कभी दैवीय प्रकोप भी हो, तो किसानों के कहने से पहले सरकार उनकी मदद को पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार किसानों की हर मामले में उसी प्रकार मदद करेगी जैसे पिछली बार 70 हजार करोड़ का ऋण माफ करके की थी। यह सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह हर सुख-दुख में उनका साथ दे। उनके साथ नजर आए।
मांट विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार जगदीश नौहवार के समर्थन में ब्रज आदर्श इण्टर कॉलेज में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए आए थे। इस क्षेत्र से वर्तमान में बसपा प्रत्याशी श्याम सुंदर शर्मा वर्ष 1989 से काबिज हैं। इस बार यहां मुकाबला चतुष्कोणीय है। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि के चलते इन्हीं दिनों फसल बर्बाद होने से मथुरा जनपद में ही तकरीबन 50 किसान गये थे। इनमें कुछ ही किसान परिवारों की मदद राज्य सरकार ने की थी, केंद्र ने उन्हें इस लायक ही नहीं माना। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज किया कि वे (मोदी) किसानों के रिण माफी की हमारी मांग पर तो कोई निर्णय न कर सकें, किंतु अब चुनाव में जरूर उत्तर प्रदेश के किसानों का ऋण माफ करने का वादा कर रहे हैं।
राहुल ने कहा, ‘जब किसान जहर पीकर जान दे रहे थे तब क्यों नहीं उन्होंने (मोदी ने) किसानों की मदद करने की बात सोची, जबकि सरकार का काम की किसानों की हरसंभव मदद करना होता है। किसान को जब लगता है कि उसके साथ कोई नहीं है। वह अकेला है। सरकार भी उसके बारे में नहीं सोच रही। तभी वह कीटनाशक पीने जैसे निर्णय लेता है।’ उन्होंने प्रधानमंत्री पर एक बार फिर आरोप लगाया कि उन्होंने देश के सबसे अमीर 50 लोगों का तो 1 लाख 10 हजार का रिण माफ करने का निर्णय लिया। लेकिन किसानों का ऋण माफ करने के नाम पर वे चुप्पी साध गए। तब हमने पूरे प्रदेश का भ्रमण कर यह प्रस्ताव उन्हें दिया था।
राहुल ने कहा, ‘अगर उन्होंने यही राशि रोजगार लगाने के इच्छुक उत्तर प्रदेश के 1 लाख 10 हजार युवाओं को दे दी होती तो एक-एक करोड़ में वे हजार-पांच सौ अन्य युवाओं को काम दिला चुके होते। लेकिन नहीं, वे तो केवल पैसे वालों का भला कर सकते हैं, किसानों और युवाओं का नहीं।’ उन्होंने भरोसा दिलाने का प्रयास किया कि अगर गठबंधन की सरकार बनी तो ऐसे युवाओं को चुन-चुनकर ढूंढा जाएगा और बैंक ऋण मुहैया कराया जाएगा। उन्होंने बताया, ‘मैंने कल ही अखिलेश को सुझाव दिया है कि युवाओं के लिए अलग घोषणापत्र बनाएं। युवाओं के सपने पूरे करने के लिए यूपी सरकार आइआइएम व आइआइटी नि:शुल्क कोचिंग सेण्टर खोले। अमीर, गरीब, किसान, मजदूर किसी का भी बच्चा वहां पढ़ सके।’
उन्होंने भाजपा सरकार के ‘मेक इन इण्डिया’ के जवाब में उत्तर प्रदेश के भिन्न-भिन्न शहरों के पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने की बात कही। इसके लिए चीन में एक व्यापारी द्वारा हिमाचल और जम्मू-कश्मीर के सेबों से स्पर्धा की बात पर कहा ऐसी ही स्पर्धा उत्तर प्रदेश के उत्पादों को लेकर भी दुनिया में बने। उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश की भूमि उपजाऊ है। यहां सिंचाई के साधन हैं। हर प्रकार की सब्जी, फल, फूल व अनाज की उपज यहां होती है। लेकिन वाजिब मूल्य न मिल पाने से यहां का किसान गरीब बना रहता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। गठबंधन सरकार इसका भी पूरा ध्यान रखेगी।’
