बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र पर चुटकी ली है। माया ने कहा कि अब जनता भाजपा नेताओं के झांसे में नहीं आने वाली है क्योंकि इनलोगों ने साल 2014 में किए वादे अब तक पूरे नहीं किए हैं। लखनऊ में अपने आवास पर एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, “भाजपा को घोषणा पत्र जारी करने का नैतिक अधिकार नहीं है। लोक सभा में भाजपा ने जो भी वादा किया था उसे पूरा नहीं किया। केंद्र के प्रलोभन भरे वादे आज भी अधूरे हैं। एक बार फिर लोक संकल्प पत्र के जरिए भाजपा ने झूठे वादे किए हैं।”
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज (शनिवार को) पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जारी करते हुए उसे लोक संकल्प पत्र बताया है। मायावती ने भाजपा के घोषणा पत्र को नाटकबाजी करार देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता इनके खोखले और हवा-हवाई वादों के झांसे में नहीं आने वाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा का घोषणा पत्र महज आंखों में धुल झोंकने जैसा ही है, इसलिए जनता इनके बहकावे में न आए।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 2014 में लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने 100 दिन के अन्दर कालाधन लाने की बात कही थी लेकिन ढाई साल बाद भी वादे पूरे नहीं हुए। गरीबों को घर देने का भी वादा झूठा निकला। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी और सपा की मिलीभगत चल रही है। उन्होंने दलित और पिछड़े समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे तो कतई इनके झांसे में न आएं। साथ ही मायावती ने कहा कि बीजेपी जातिवादी पार्टी है और आरक्षण खत्म करना चाहती है। माया ने कहा कि ये लोग मौका पाते ही पिछड़े, दलितों और आदिवासियों को मिल रहे आरक्षण को खत्म करने की फिराक में लगे हुए हैं।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि चूंकि सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावों में घोषणा पत्रों के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश करती हैं, इसलिए बसपा कभी घोषणा पत्र जारी नहीं करती बल्कि सरकार बनने पर काम करके दिखाने में विश्वास करती है।
