भाजपा उत्तर प्रदेश में भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर चुनाव लड़ रही हो लेकिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य के अलीगढ़ जिले को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जहां उनकी परंपरागत विधानसभा सीट अतरौली से उनके पौत्र किस्मत आजमा रहे हैं। 2012 के विधानसभा चुनाव में जिले की सातों सीटों पर हार के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को जबरदस्त सफलता मिली थी और अलीगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार ने बड़े अंतर से जीत का स्वाद चखा। स्थानीय नेताओं और उम्मीदवारों को उम्मीद है कि इस बार वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर लोकसभा चुनाव की तरह ही जीत हासिल करेंगे और पांच फरवरी को अलीगढ़ में प्रधानमंत्री की रैली उनकी संभावनाओं को और मजबूत करेगी। वहीं पार्टी नेताओं को कल्याण सिंह और उनके परिवार का जादू फिर से चलने की उम्मीद है जो करीब ढाई दशक पहले राज्य के मुख्यमंत्री बने थे और उनके नेतृत्व में भाजपा ने पूरे प्रदेश में जबरदस्त सफलता हासिल की थी। अब करीब डेढ़ दशक से पार्टी फिर से राज्य की सत्ता में आने को प्रयासरत है।

अलीगढ़ में भी पार्टी अपने खोए आधार को हासिल करने की जुगत में है तो दूसरे दलों के नेता भी अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। सपा, कांग्रेस, बसपा के साथ ही अजित सिंह की राष्ट्रीय लोक दल को भी इस बार अपने उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद है, जिसने पिछले विधानसभा चुनाव में जिले की तीन सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा के सांसद सतीश गौतम ने बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के प्रभाव का लाभ भी पार्टी को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि पिछले चुनावों के विपरीत इस चुनाव में भाजपा उनके संसदीय क्षेत्र की सभी पांच सीटें जीतेगी। अलीगढ़ शहर के साथ अतरौली विधानसभा भी पार्टी के लिए खास माने रखती है जहां पिछली बार कल्याण सिंह और उनके पुत्र राजवीर सिंह ने भाजपा से अलग अपनी किस्मत आजमाई थी और इसका खामियाजा दोनों को ही भुगतना पड़ा था। सपा की किस्मत यहां पहली बार चमकी थी। मौजूदा सपा विधायक वीरेश यादव का दावा है कि इस बार भी पार्टी अतरौली सहित जिले में जीतेगी।

अतरौली में इस बार कल्याण सिंह के पौत्र और एटा से भाजपा सांसद राजवीर सिंह के पुत्र संदीप सिंह भाजपा से लड़ रहे हैं। पार्टी के नेता उन्हें जीत दिलाने और कल्याण सिंह की प्रतिष्ठा को कायम रखने के लिए दिन-रात लगे हैं।पार्टी के नगर प्रभारी गोपाल माहेश्वरी ने कहा कि इस बार पार्टी उसी तरह जबरदस्त जीत हासिल करेगी जैसा कल्याण सिंह के समय यहां पार्टी का प्रभाव होता था। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और रालोद में तो दूसरे और तीसरे नंबर की लड़ाई है।उधर अतरौली से रालोद के टिकट पर किस्मत आजमा रहे मनोज यादव के मुताबिक पार्टी जनता को एक बेहतर विकल्प देगी। उन्होंने कहा कि इस सीट पर हमेशा से एक या दो परिवारों का ही कब्जा रहा है और बारी बारी से उनके खाते में सीट जाती रही है। इससे जनता को नुकसान हुआ है। लेकिन इस बार राष्ट्रीय लोक दल जनता के सामने एक विकल्प देने का प्रयास कर रही है।