उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के मतदाताओं को आगाह करते हुए शुक्रवार (10 फरवरी) को कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपना वोट दिलवाने और पूर्व में भाजपा की मदद से तीन बार सरकार बनाने वाली बसपा एक बार फिर ऐेसे ही मंसूबे लेकर मतदाताओं को बरगला रही है। अखिलेश ने पीलीभीत तथा शाहजहांपुर में सपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी रैलियों में कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली। जब इसके बारे में गहराई से पता लगाया गया तो मालूम हुआ कि कई सीटों पर बसपा ने अपना वोट भाजपा को दिलवा दिया था।
उन्होंने कहा कि कि पूर्व में बसपा भाजपा के साथ तीन बार मिलकर सरकार बना चुकी है। बसपा इस बार भी ऐसी ही फिराक में है, इसलिये उसकी मुखिया मायावती खासकर मुस्लिम मतदाताओं को बरगलाने में जुटी हैं, ताकि उनका वोट बंट जाए और भाजपा को फायदा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मतदाता मायावती के बहकावे में आ गये तो कोई बड़ी बात नहीं है कि भाजपा एक बार फिर सरकार बनाने के लिये बसपा का साथ दे दे। इसलिये सभी मतदाताओं को प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर और आगे बढ़ाने के लिये सपा-कांग्रेस के गठबंधन को मदद करनी चाहिये। सिख बहुल पीलीभीत जिले में सिख कार्ड खेलते हुए उन्होंने कहा कि यहां सिख नेता ना होने के कारण सपा पंजाब से बलवन्त सिंह रामूवालिया को लेकर आयी और उन्हें मंत्री बनाया।
अखिलेश ने कहा कि अच्छे दिनों का वादा करके केन्द्र की सत्ता में आयी भाजपा ने जनता को नोटबंदी करके केवल बुरे दिन दिखाये हैं। चुनाव में पलटवार करने की बारी जनता की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सपा की आंधी चल रही है। ऐसे में भाजपा की तो हवा ही निकल गई है। उसकी आंधी इस तूफान में टिक नहीं पा रही है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधते हुए सपा अध्यक्ष ने कटाक्ष किया कि ‘बुआ जी’ ने कितना विकास कार्य किया, यह तो आप लखनऊ आकर देखें। मायावती ने स्मारकों में जो हाथी खड़े हैं, वे अभी तक खड़े हैं। कोई चलने फिरने की स्थिति में नहीं है, फिर बसपा ने किस बात का विकास किया? उन्होंने कहा कि सपा का कांग्रेस से गठबंधन दो दलों का नहीं, बल्कि दो नौजवानों का मेल है। जब दो नौजवानों का साथ मिला है तो निश्चित ही देश की राजनीति में भी परिवर्तन आएगा। उन्होंने कहा कि सपा में ज्यादातर नौजवान ही नेता हैं और नई सोच नई दिशा के साथ हमारे कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे हैं।
