Amroha Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में ज़ोर-शोर से जुटे तमाम राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना भी शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में अपनी पहली लिस्ट निकाली थी जिसमें 195 कैंडीडेट्स के नामों का ऐलान किया गया है। वहीं, कांग्रेस ने भी 39 प्रत्याशियों के नाम के साथ पहली लिस्ट निकाली थी। भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 51 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। ऐसे ही उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से एक अमरोहा महत्वपूर्ण सीटों में से एक है। भाजपा ने अमरोहा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चौधरी कंवर सिंह तंवर को टिकट दिया है।

अमरोहा से कौन-कौन है चुनावी मैदान में?

भाजपा के साथ ही बसपा ने भी अमरोहा लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। बसपा ने डॉ। मुजाहिद हुसैन को प्रत्याशी घोषित किया है। डॉ। मुजाहिद हुसैन मूलरूप से गाजियाबाद के डासना के रहने वाले हैं। वह दो साल पहले ही बसपा में शामिल हुए हैं। भाजपा ने अमरोहा लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चौधरी कंवर सिंह तंवर को टिकट दिया है। साल 2014 लोकसभा चुनाव में कंवर सिंह तंवर ने बड़ी जीत हासिल की थी। मगर साल 2019 में उन्हें करीबी हार का सामना करना पड़ा था।

कैसा है चुनावी माहौल?

आम और ढोलक के लिए मशहूर अमरोहा कभी किसी भी दल का गढ़ नहीं रहा है। वैसे तो इस शहर को कमाल अमरोही और जॉन एलिया जैसे दिग्गज साहित्यकारों की धरती भी कहा जाता है। 1957 से लेकर अब तक के लोकसभा चुनाव में यहां नतीजे चौंकाने वाले ही रहे हैं।

इस लोकसभा सीट पर करीब 17 चुनाव हो चुके हैं। हर बार मतदाताओं ने चौंकाने वाले परिणाम ही दिए हैं। 40 साल से यहां कांग्रेस और 28 साल से सपा को जीत नसीब नहीं हुई है। बसपा को दो बार जीत मिली है। इस सीट पर निर्दलीयों का असर इससे समझा जा सकता है कि दो चुनाव जीतने के साथ दो बार निर्दल चेहरे यहां दूसरे पायदान तक भी पहुंचे।

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम

पिछले चुनाव में अमरोहा सीट से बसपा के कुंवर दानिश अली ने जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के कंवर सिंह तंवर को हराया था। दानिश अली को जहां 6.01 लाख वोट मिले थे। वहीं। कंवर सिंह को 5.37 लाख वोट से संतोष करना पड़ा था। दोनों के बीच हार का अंतर 63,248 वोटों से ज्यादा का था।

अमरोहा का जातीय समीकरण

अमरोहा लोकसभा के तहत पांच विधानसभा सीटें अमरोहा, हसनपुर, धनौरा, नौगावां सादात और गढ़मुक्तेश्वर हैं। इसमें अमरोहा और नौगावां सादात मुस्लिम बहुल हैं। धनौरा सीट एससी के लिए आरक्षित है। यानी इस लोस क्षेत्र में दलित वोटरों का भी प्रभावी असर है। जाट, गुर्जर, सैनी, खडगवंशी जैसी पिछड़ी जातियों का भी प्रभाव है। इस सीट पर दलित, सैनी और जाट वोटर अधिक हैं। इसके अलावा मुस्लिम वोटों की संख्या भी 20 प्रतिशत से ऊपर है।