निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने कहा है कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन करके उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में 15 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। निषाद ने PTI से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश की 403 में से 15 सीटें हमें भाजपा के साथ गठबंधन के तहत मिली हैं। वह सोमवार को अमित शाह से मुलाकात करेंगे। उनसे बातचीत में तय होगा कि 15 सीटें कौन सी होंगी जहां वो लड़ेंगे।

हालांकि, निषाद पार्टी ने 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी, अपना दल और जन अधिकार पार्टी के साथ गठबंधन करके 100 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन उसे भदोही के ज्ञानपुर के रूप में एकमात्र सीट हासिल हुई थी। हाल ही में MLC बने निषाद ने गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र से पिछला असेंबली चुनाव लड़ा था। लेकिन वो तीसरे स्थान पर रहे थे। 2018 के गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में संजय के बेटे प्रवीण निषाद समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार थे। उन्होंने भाजपा को शिकस्त दी थी। प्रवीण अभी संत कबीर नगर से भाजपा सांसद हैं।

संजय निषाद ने कहा कि 15 सीटों में से ज्यादातर पूर्वांचल की हैं। जबकि पश्चिमांचल से भी कुछ सीटें उन्हें मिली हैं। उनका कहना है कि वो कुछ सीटों पर बदलाव चाहते हैं। वो सीट पर नहीं बल्कि जीत पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उनका कहना है कि निषाद पार्टी में युवा कार्यकर्ताओं की फौज है। ये लोग सोशल मीडिया का काफी इस्तेमाल करते हैं। प्रदेश के 70 जिलों में पार्टी के डिजिटल कार्यालय हैं। पार्टी ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफार्म पर काफी सक्रिय है।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पूरे प्रदेश में अपना जनाधार बनाया है। गोरखपुर, बलिया, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, जौनपुर, भदोही, सुल्तानपुर, अयोध्या, चित्रकूट, झांसी, बांदा, हमीरपुर और इटावा जिलों में उसका खासा प्रभाव है।

टिकट वितरण पर उन्होंने कहा कि हम हर उम्मीदवार की छवि और उसकी स्वीकार्यता का आकलन करेंगे। वर्कर्स और लोग उस उम्मीदवार को पसंद करेंगे तो उसे मौका दिया जा सकता है। बकौल संजय निषाद इस चुनाव में भाजपा और सपा की सीधी टक्कर होगी। लेकिन योगी की पार्टी एक बार फिर तीन सौ से ज्यादा सीटें जीतेगी। ओमप्रकाश राजभर पर उन्होंने कहा कि राजभर को तो उन्हीं के क्षेत्र के लोग महत्त्व नहीं देते हैं।