उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रंचड जीत हासिल की। पार्टी और उसके सहयोगियों को 255 सीटें मिलीं। वहीं कांग्रेस और बसपा का प्रदर्शन काफी खराब रहा। कांग्रेस 399 सीटों पर चुनाव लड़ी और 387 सीटों पर उसके प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। वह सिर्फ दो सीटें जीत सकी। कांग्रेस को केवल 2.4% वोट मिले। वहीं बसपा ने सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ी और 290 सीटों पर उसके उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए। वहीं भाजपा के तीन प्रत्याशियों की जमानत जब्त हुई। पार्टी 376 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इसके अलावा सपा के 347 में छह उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई।

भाजपा के सहयोगी दलों के एक भी उम्मीदवार की जमानत जब्त नहीं हुई- दिलचस्प बात यह है कि भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनीलाल) और निषाद पार्टी ने 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, लेकिन उनके एक भी कैंडिटेट की जमानत जब्त नहीं हुई। यह इस बात का संकेत है कि उन्हें केवल उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दिया गया था, जहां वे सामने वाले उम्मीदवार को टक्कर दे सकते थे।

सपा के सहयोगियों का हाल- इसके विपरीत, सपा की पार्टी सहयोगी एसबीएसपी और अपना दल (कामेरावाड़ी) ने 25 सीटों पर चुनाव लड़ा। उनके आठ उम्मीदवार जमानत नहीं बचा पाए। पार्टी एक अन्य सहयोगी रालोद 33 में से तीन सीटों पर अपनी जमानत नहीं बचा पाई। बता दें कि सपा और सहयोगी दलों को 125 सीटें मिलीं।

क्या है जमानत जब्त का मतलब- चुनाव लड़ने के लिए किसी भी उम्मीदवार को एक तय राशि चुनाव आयोग को जमा करनी होती है। यह जमानत राशि कहा जाता है। अगर कोई उम्मीदवार किसी निर्वाचन क्षेत्र में कुल वैध मतों का 1/6 हिस्सा हासिल करने में असफल रहा है तो उसकी जमानत जब्त हो जाती है। इससे ज्यादा वोट मिलने पर उम्मीदवार को चुनाव आयोग जमा राशि वापस कर देता है। यूपी में 4,442 उम्मीदवारों में से, 3,522 यानी लगभग 80% की जमानत राशि जब्त हो गई।

“भाजपा की बी टीम” नहीं थी बसपा हुआ स्पष्ट : मायावती- पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि बसपा “भाजपा की बी टीम” नहीं थी और नेगेटिव कैपेंन राज्य के लोगों को गुमराह करने में सफल रहा। 2007 में उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाली बसपा इस बार 12.88 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सिर्फ एक सीट जीतने में सफल रही।

यूपी चुनाव परिणाम बसपा की उम्मीदों के विपरीत- लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बसपा प्रमुख ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से निराश न होने बल्कि राज्य में सत्ता में वापस आने के लिए बसपा को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया। 77 वर्षीय नेता ने कहा कि यूपी चुनाव परिणाम बसपा की उम्मीदों के विपरीत थे।