उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गर्मी शांत करने वाला बयान सियासी हलकों में खासा विवादास्पद हो गया है। कैराना से सपा प्रत्याशी नाहिद हुसैन की बहन इकरा का कहना है कि इतने बड़े पद पर बैठे नेता से इस तरह का बयान शोभा नहीं देता। उनकी गर्मी जनता ही निकालेगी। 10 मार्च को उनको पता चल जाएगा कि वो सिय़ासी तौर पर कहां खड़े हैं।

इकरा का कहना है कि कैराना में पलायन जैसा कोई मुद्दा नहीं है। यहां हिंदू मुस्लिम प्यार से रहते हैं। पलायन केवल बीजेपी के भाषणों में दिखता है, क्योंकि बीजेपी को पता है कि जनता उन्हें सबक सिखाने पर आमादा है। इसी वजह से बीजेपी के तमाम नेता रोजगार और महंगाई की बात को दरकिनार कर पलायन की बात कर रहे हैं। योगी सरकार ने बीते पांच सालों में सिवा बोलने के कुछ नहीं किय़ा है। लोग बुरी तरह से परेशान हैं।

यूपी में इस बार कैराना चुनाव की खासी अहमियत है। बीजेपी ध्रुवीकरण के सिए कैराना पर ही दांव लगा रही है। योगी के बयान तो अपनी जगह हैं। गृह मंत्री अमित शाह तक यहां पर आकर लोगों को झिंझोड़ने का काम कर चुके हैं। शाह ने पिछले दिनों भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे। शाह घर-घर पर्चे बांटते नजर आए थे। शाह ने कहा था कि बीजेपी सरकार की वजह से पलायन कराने वाले लोग ही पलायन कर गए। उन्होंने कहा, आज का माहौल देखकर मुझे बड़ी शांति मिलती है। पूरे प्रदेश में विकास की एक नई लहर दिखाई देती है।

कैराना से सपा ने मौजूदा विधायक नाहिद हसन को टिकट दिया है। वो पूर्व विधायक मुनव्वर हसन के बेटे हैं। नाहिद की मां तबस्सुम पूर्व सांसद हैं। उन्होंने 2018 के उप-चुनाव में कैराना से चुनाव जीता था। इकरा नाहिद हसन की सगी बहन हैं। बीजेपी ने कैराना से पलायन का मुद्दा उठाने वाले पूर्व दिवंगत मंत्री हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

हालांकि, बीते माह पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में नाहिद को गिरफ्तार किया तो सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने टिकट नाहिद हसन के स्थान पर उनकी बहन इकरा को दे दिया था। नाहिद इस समय जेल में हैं। नाहिद हसन पर 17 मुकदमे दर्ज हैं। 2016 में कैराना कांड में उनका नाम आया था। वह गैंगस्टर केस में एक साल से फरार चल रहे थे। लेकिन फिलहाल वो खुद जेल में रहकर ही चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी बहन इकरा जोरशोर से भाई को जिताने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं।