किसान आंदोलन के स्थगित होने के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि किसान यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान क्या भाजपा का साथ देंगे? या किसान नेता राकेश टिकैत और किसानों की नाराजगी का भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ेगा? एक न्यूज चैनल के डिबेट के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इन सवालों पर कहा कि ये कौन से किसान थे जो 13 महीने तक बैठे रहे और वे ना फसलों की कटाई करने गए और न बुवाई करने गए।
‘आज तक’ के टीवी डिबेट ‘दंगल’ के दौरान सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ”ये लोग जब 13 महीने तक खेतों में गए नहीं तो उनका काम कौन कर रहा था? क्या बंटाई पर दिया गया था या फिर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर रहे थे ये लोग? सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, ”संयुक्त विधायक दल की सरकार में चौधरी चरण सिंह मुख्यमंत्री बने थे, तब भारतीय जनसंघ सबसे बड़ा घटक दल था और उसने समर्थन दिया था।”
भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ”चौधरी साहब भारत के एकमात्र प्रधानमंत्री बने जिन्होंने कभी संसद का सामना नहीं किया क्योंकि कांग्रेस ने समर्थन का पत्र दिया और संसद आने से पहले ही अपना समर्थन का पत्र वापस ले लिया।”
इस डिबेट शो के दौरान बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह से एंकर ने पूछा, ”तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद क्या आप नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार से संतुष्ट हैं?” इस पर युद्धवीर सिंह ने कहा, ”कानून वापसी का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने देश से माफी मांगते हुए कहा था कि वे चंद किसानों को समझा नहीं पाए। प्रधानमंत्री ने किसानों के बारे में कुछ नहीं कहा, अगर उनका बड़ा दिल होता तो वे कहते कि हमारी गलती थी कि अन्नदाता को 13 महीने सड़कों पर बिठाकर रखा। यह उनके अहंकार को दर्शाता है।”
इसके अलावा, युद्धवीर सिंह ने यूरिया को लेकर किसानों के सामने आने वाली दिक्कतों की बात भी की। उन्होंने कहा कि किसानों को यूरिया हासिल करने में बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है।