उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी भाजपा को सहयोगी दलों के साथ सीटों का अंक गणित दुरुस्त करना चुनौती बन सकता है। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के भाजपा से अलग हो जाने के बाद, अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाली अपना दल (सोनेलाल) अब 2022 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में अधिक सीटों की उम्मीद लगाए बैठी है। जबकि, निषाद पार्टी भी ‘सम्मानजनक संख्या में सीटों’ पर चुनाव लड़ना चाहती है।
सत्तारूढ़ दल के दोनों सहयोगी जिन सीटों पर नजर गड़ाए हुए हैं, उनमें से आठ सीटों पर ओपी राजभर की पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार उतारे थे। उस चुनाव में, अपना दल (एस), जिसका कुर्मी मतदाताओं के बीच खासा प्रभाव है, उसने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा और 9 पर जीत हासिल की, जबकि राजभर समुदाय में प्रभाव रखने वाली एसबीएसपी के खाते में चार सीटें आई थीं।
ओमप्रकाश राजभर की गैरमौजूदगी में गठबंधन में अधिक सीटों की उम्मीद लगाए बैठीं अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल अबकी अपने गढ़ से अलग के इलाकों में जनसभाएं कर रही हैं। अनुप्रिया पटेल नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (वाणिज्य और उद्योग) हैं। उन्होंने बांदा (बुंदेलखंड क्षेत्र),अयोध्या, बस्ती और कुशीनगर में रैलियां की हैं। साथ ही वह आने वाले दिनों में आजमगढ़ (पूर्वी यूपी), प्रतापगढ़ (मध्य यूपी) और झांसी (बुंदेलखंड) में जनसभाओं को संबोधित करेंगी।
पार्टी के प्रवक्ता राजेश पटेल का कहना है, ”पिछले कुछ वर्षों में ओबीसी, एससी, एसटी और उच्च जातियों सहित सभी वर्गों के बीच पार्टी की पकड़ बढ़ी है। हमने अपने संगठन का विस्तार किया है और पंचायत चुनाव में भी जीत हासिल की है। अब हम 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।” हालांकि, उन्होंने कहा कि जब दोनों दलों के नेता साथ बैठेंगे तब इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
इस बीच, निषाद पार्टी के प्रमुख संजय निषाद ने भी नई दिल्ली में यूपी चुनाव प्रभावी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात की। पार्टी के एक नेता ने कहा, “बैठक हुई, लेकिन सीट बंटवारे पर कुछ भी नहीं निकलकर सामने आया। फिलहाल, पार्टी ने यूपी में आगामी चुनाव लड़ने के लिए जरूरी तैयारी कर ली है।” 2017 में, निषाद पार्टी ने अकेले 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल एक सीट पर जीत हासिल कर पाई थी।
