जैसे-जैसे चुनाव की तिथियां करीब आ रही हैं, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी बढ़ता जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे के खिलाफ खुलकर आरोप लगा रहे हैं। सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष सरकार के विकास कार्यों से जनता का ध्यान हटाकर उन्हें बरगला रहा है तो वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार कोई विकास कार्य नहीं कर रही है, बल्कि जनता के पैसे से अपना और अपनी पार्टी का विज्ञापन कर रही है। यह गलत कार्य है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रदेश की योगी सरकार राजनीतिक विज्ञापनों पर जनता का पैसा लुटा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य का सूचना विभाग भाजपा के राजनीतिक विज्ञापन के लिए काम कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि सत्ता में आने के बाद समाजवादी पार्टी की उनकी सरकार इस मामले की पूरी जांच कराएगी।
पार्टी की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा,‘‘सूचना विभाग का काम सरकारी विकास योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना है, इसके बजाय ‘लाल टोपी’ दिखाकर फर्क बताने वाले राजनीतिक विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से राजनीतिक प्रचार कार्य है।’’
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ‘‘सपा के सत्ता में आने पर यह जांच सुनिश्चित की जाएगी कि सूचना विभाग से भाजपा के राजनीतिक प्रचार के लिए कितनी धनराशि विज्ञापनों, होर्डिंग पर खर्च की गई और इसमें जो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, वे जांच के दायरे में होंगे।’’
यादव ने आरोप लगाया, ‘‘जब से भाजपा सत्ता में आई है, सिवाय सत्ता के दुरुपयोग के उसने कोई काम नहीं किया है। भाजपा सरकारी कोष और संसाधनों का इस्तेमाल अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार के लिए कर रही है।’’ उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा को बर्खास्त नहीं किया गया जबकि उनके बेटे ने जीप चढ़ाकर किसानों को कुचल दिया था।
यादव ने समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार में अपराधियों पर नकेल कसने और अपराधियों को जेल भेजने का दावा किया और आरोप लगाया कि भाजपा में ‘जंगलराज’ की छूट है।