उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का 5 सालों बाद भाजपा से मोहभंग हो गया और मंगलवार को मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। 2017 विधानसभा चुनावों से पहले मौर्य बसपा का साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। दूसरी तरफ, समाजवादी पार्टी भाजपा के खेमे में ‘सेंध’ लगाने में कामयाब रही है। मौर्य के इस्तीफे के बाद सपा नेता ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को एक ताला भेजकर तंज किया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्वीट कर भाजपा पर तंज किया। आईपी सिंह ने कहा, ”ओमप्रकाश राजभर, जयंत चौधरी, राजमाता कृष्णा पटेल,संजय चौहान और अब स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी के साथ हैं।” आईपी सिंह ने कहा, ”मैंने भाजपा मुख्यालय पर स्वतंत्र देव सिंह को एक ताला तोहफे के रूप में भेज दिया है, 10 मार्च के बाद लगा घर लौट जाइएगा। लहर नहीं, अब सपा की आंधी चल रही है।”

आईपी सिंह का इशारा उस तरफ था कि भाजपा के सहयोगी एक-एक करके समाजवादी पार्टी के खेमे में आ रहे हैं। इसी को लेकर आईपी सिंह ने भाजपा पर तंज किया है। मंगलवार को सूबे की सियासत तब गरमा गई जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे-लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।”

वहीं, पत्रकारों से बात करते हुए, उन्‍होंने कहा, ‘’मुझे केवल सरकार की नीतियों से समस्‍या है, इसलिए मैंने इस्‍तीफा दिया।’ जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप मौर्य समाज से आते हैं तो आपको क्‍या लगता है बीजेपी को आपके जाने से कितना नुकसान होगा। इस पर मौर्य ने कहा, ”अभी कुछ कहना अतिशयोक्ति होगी, 2022 के नतीजों का इंतजार करिए। मैं जब चाहता हूं यूपी की तस्‍वीर बदल देता हूं।”

मौर्य के इस्तीफे के बाद भाजपा के तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। बांदा के तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने अपना इस्तीफा दिया। उसके बाद, शाहजहांपुर के तिलहर से विधायक रोशन लाल वर्मा और कानपुर देहात से विधायक भगवती सागर ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया।