उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस पार्टी ने जौनपुर जिले की जौनपुर सदर सीट से अपने उम्मीदवार को बदल दिया है। कांग्रेस पार्टी ने जौनपुर सदर सीट पर अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष नदीम जावेद को उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि इसके पहले कांग्रेस ने जौनपुर सदर से फैसल तबरेज हसन को उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस को उम्मीद है कि मुस्लिम बाहुल्य सीट पर नदीम जावेद ,तबरेज हसन से मजबूत उम्मीदवार होंगे। नदीम जावेद 2012 में जौनपुर से कांग्रेस के टिकट पर जीत चुके हैं।
1985 से 2017 के बीच सिर्फ एक बार जीती कांग्रेस: कांग्रेस के लिए जौनपुर विधानसभा सीट जीतना हमेशा से काफी मुश्किल रहा है। 1985 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव तक कांग्रेस ने महज एक बार इस सीट पर जीत हासिल की है। 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर नदीम जावेद ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस के नदीम जावेद ने बसपा प्रत्याशी को 1039 वोटों से हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नदीम जावेद को फिर से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी गिरीश चंद्र यादव ने नदीम जावेद को 12 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
जातीय समीकरण: जौनपुर जिले की जौनपुर सदर सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का वर्चस्व है। यहां पर करीब 95 हजार मुस्लिम मतदाता हैं, यादव मतदाता भी 40 हजार के करीब है, जबकि दलित वोट भी करीब 60 हजार है। वैश्य और मौर्य वोट भी 40-40 हजार है। क्षत्रिय ,राजभर और ब्राह्मण वोटर भी यहां पर करीब बराबर की संख्या में है। यह वोट करीब 70 हजार है।
बीजेपी से वर्तमान विधायक मैदान में: जौनपुर सदर विधानसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर से गिरीश यादव पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने नदीम जावेद को मैदान में उतारा है, जबकि बसपा और सपा ने अभी तक अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। बीजेपी के गिरीश यादव के लिए इस बार मुकाबला आसान नहीं होगा क्योंकि 1980 के बाद से किसी भी दल ने अभी तक लगातार दो बार जीत हासिल नहीं की है। बीजेपी ने जौनपुर सदर सीट पर 2002 में जीत दर्ज की थी, उसके बाद 2017 में पार्टी को जीत मिली थी।
बता दें कि जौनपुर विधानसभा सीट पर 7 मार्च को वोट डाले जाएंगे। 7 मार्च को उत्तर प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण का मतदान होगा। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में इस बार 7 चरणों में हो रहे हैं जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।