उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सूबे में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक दल एक तरफ, प्रचार अभियान में जुटे हैं तो दूसरी तरफ टिकट बंटवारे को लेकर घमासान ने उनकी चुनौतियों को बढ़ाने का काम किया है। समाजवादी पार्टी के भीतर भी टिकट वितरण को लेकर असंतोष की खबरें सामने आईं हैं और सूबे की राजधानी लखनऊ (Lucknow) की चार सीटों पर बागियों ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की चिंताएं बढ़ा दी हैं।

लखनऊ ग्रामीण की चार सीटों मोहनलाल गंज, मलिहाबाद, सरोजनी नगर और बक्शी का तालाब (बीकेटी) पर सपा ने दिग्गज नेताओं का टिकट काट दिया है। वहीं, टिकट न मिलने के बाद अब चारों नेताओं ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। ऐसे में इन सीटों पर मुकाबला काफी कांटे का होता दिखाई दे रहा है।

सरोजनी नगर: लखनऊ की सरोजनी नगर सीट इस चुनाव में काफी चर्चा में रही है। समाजवादी पार्टी ने यहां से तीन बार के विधायक रहे शारदा प्रताप शुक्ला का टिकट काटकर अभिषेक मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है। अभिषेक मिश्रा अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं। वहीं, टिकट कटने के बाद शारदा प्रताप शुक्ला ने इस सीट से निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया है। इस सीट पर भाजपा के लिए उम्मीदवार घोषित करना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा था क्योंकि मंत्री स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह दोनों दावेदारी ठोक रहे थे। हालांकि, पार्टी ने ईडी के पूर्व अफसर राजेश्वर सिंह को टिकट दिया है।

बीकेटी: बक्शी का तालाब सीट पर भी समाजवादी पार्टी को बगावत का सामना करना पड़ रहा है। यहां से सपा ने पूर्व विधायक राजेंद्र यादव का टिकट काटकर गोमती यादव को उम्मीदवार घोषित किया है। अब राजेन्द्र यादव भी चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। ऐसी स्थिति में सपा के वोटों में बंटवारा हो सकता है।

मलिहाबाद: इस सीट भी समीकरण कुछ इसी तरह के बन गए हैं। यहां से समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक इंदल रावत की जगह सोनू कन्नौजिया को टिकट दिया है। इससे नाराज इंदल रावत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। रावत अब यहां से कांग्रेस के टिकट पर सपा उम्मीदवार के सामने हैं। ऐसे में इंदल रावत के बगावती तेवर अखिलेश यादव की पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मोहनलालगंज: लखनऊ ग्रामीण की एक और सीट मोहनलालगंज से समाजवादी पार्टी ने मौजूदा विधायक अंबरीश पुष्कर की जगह सुशीला सरोज को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहीं, अंबरीश पुष्कर ने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया है। अंबरीश ने 2017 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद यहां से जीत दर्ज की थी। सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाली सुशीला सरोज यहां से सांसद रह चुकी हैं। ऐसे में अंबरीश नामांकन वापस नहीं लेते हैं तो सपा को इसका नुकसान झेलना पड़ सकता है।