उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कई नेताओं ने एक पार्टी को छोड़कर दूसरे पार्टी का दामन थाम लिया, लेकिन परिणाम आने के बाद इनमें से अधिकतर को निराशा हाथ लगी। 21 नेताओं ने दल बदला और केवल चार को ही जीत मिली। इनमें नौ भाजपा और 10 सपा के टिकट पर चुनाव लड़े। इसके अलावा दो अपना दल (सोनलाल) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की टिकट पर चुनाव लड़े। हार का स्वाद चखने वाले इन नेताओं की सूची में स्वामी प्रसाद मौर्य और धर्म सिंह सैनी जैसे बड़े नाम शामिल हैं। दोनों ही नेताओं ने चुनाव से पहले भाजपा को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था।
भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर हारने वाले दलबदलू नेता- चुनाव से ठीक पहले किसी अन्य पार्टी को छोड़कर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने वाले हरचंदपुर से राकेश सिंह, बेहट से नरेश सैनी, सगड़ी से वंदना सिंह, सादाबाद से रामवीर उपाध्याय, सैदपुर से सुभाष पासी और सिरसागंज से हरिओम यादव को हार का सामना करना पड़ा
सपा में शामिल हुए इन नेताओं की मिली हार- वहीं दल बदलकर सपा में शामिल होने वाले तिंदवारी सीट से ब्रजेश प्रजापित, चिल्लूपार से विनय शंकर त्रिपाठी, नानपार से माधुरी वर्मा, फाजिलनगर से स्वामी प्रसाद मौर्य , नकुड़ से धर्म सिंह सैनी, बरेली कैंट से सुप्रिया ऐरन, खलीलाबाद से दिग्विजय नारायण, घाटमपुर से भगवती सागर और तिहर से रौशन लाल वर्मा को हार का सामना करना पड़ा।
इन्हें भी मिली हार- रामपुर स्वार सीट से कांग्रेस की जगह भाजपा की गठबंधन पार्टी अपना दल (एस) से चुनाव लड़ने वाले नवाब परिवार के हैदर अली खान को हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा बलिया जिले के बैरिया विधानसभा से सुरेंद्र सिंह ने भाजपा से टिकट न मिलने पर विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इन नेताओं को मिली जीत- कांग्रेस छोड़कर भाजपा शामिल होने वालीं अदिति सिंह को रायबरेली सदर सीट से जीत मिली। वहीं भाजपाके ही टिकट पर पुरवा से चुनाव लड़े अनिल कुमार और पड़रौना से मनीष कुमार को भी जीत मिली। इसके अलावा योगी सरकार में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने सपा की टिकट पर घोसी से जीत हासिल की।