अमिल भटनागर

यूपी के बुलंदशहर की स्याना सीट से मौजूदा भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह लोधी को लेकर हो रहे जगह-जगह विरोध को सपा और आरएलडी अपने फायदे के रूप में देख रही है। दरअसल बीते दिनों बीजेपी विधायक लोधी अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने गये थे। लेकिन उन्हें ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। लोगों ने उनके ऊपर आरोप लगाए कि उनके कार्यकाल में विकास कार्य नहीं हुए।

भारी विरोध देखते हुए स्याना विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने हाथ जोड़ कर अपील की कि अब आगे भविष्य में ऐसा नहीं होगा। बता दें कि लोधी उन तीन मौजूदा विधायकों में से एक हैं जिन्हें भाजपा ने बुलंदशहर में उम्मीदवार के रूप में फिर से टिकट दिया है। वहीं मतदाता असंतोष को देखते हुए चार अन्य विधायकों को भाजपा ने फिर से टिकट नहीं दिया है।

गौरतलब है कि 2017 में देवेंद्र सिंह लोधी ने स्याना सीट जीती थी। इस सीट पर कहा जाता है कि लोधी राजपूत जाति का वर्चस्व है। उसके बाद मुस्लिम और जाट आते हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में लोधी ने बसपा के दिलनवाज खान को 70 हजार वोटों से हराया था। वहीं खान ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था।

इस बार विधानसभा चुनाव में दिलनवाज खान लोधी के सामने सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार के रूप खड़े हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा विधायक लोधी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा। इसका कारण यह भी है कि क्षेत्र में लोधी के प्रति नाराजगी भी है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि लोधी ने अपने क्षेत्र का कभी भी दौरा नहीं किया।

वहीं खान ने इस बार के चुनाव को लेकर द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जब मैं (2017 में) हार गया, मुझे लगा कि लोगों को लोधी पर भरोसा है। लेकिन बीते पांच सालों में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया। जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर उनका विरोध हो रहा है। किसानों से लेकर पिछड़े वर्गों का हमें समर्थन मिल रहा है। और यह 10 मार्च को साफ हो जाएगा।

बता दें कि लोगों में लोधी के खिलाफ गुस्से की वजह से सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार को स्याना सीट जीतने का मौका दिखाई दे रहा है।