यूपी चुनाव में इस बार भी आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों को पार्टियां जमकर टिकट दे रही है। कई बड़े नेताओं से लेकर छोटे नेताओं तक पर गंभीर मामले दर्ज हैं। ऐसे ही आजाद समाज पार्टी के एक उम्मीदवार हैं- भूपेन्द्र सिंह। इनसे जब दर्ज मुकदमों के बारे में पूछा गया तो इन्होंने कहा कि अपराधी क्रिमिनल कौन है, मैं या बीजेपी उम्मीदवार? उनपर भी 18 मामले दर्ज हैं।
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह को “बाफर” के नाम से जाना जाता है। इन्हें विश्वास है कि इनका आपराधिक इतिहास आने वाले विधानसभा चुनावों में उन्हें कोई परेशानी नहीं देगा। भूपेंद्र सिंह मेरठ जिले के सिवालखास विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। आपराधिक मामलों के बारे में पूछे जाने पर बाफर आत्मविश्वास से भरे दिखते हैं। वो कहते हैं- “अपराधी कौन है? मैं या भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार जिसके खिलाफ 18 मामले दर्ज हैं। मुझे राजनीति में क्यों नहीं आना चाहिए, जब सुशासन का दावा करने वाली पार्टी ने सिवलखास से ऐसा उम्मीदवार खड़ा किया है। मैं लोगों से हाथ जोड़कर मुझे वोट करने के लिए कहूंगा। नतीजों का इंतजार करें।”
सिंह पर एक समय में 31 आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें से 14 मामले लंबित हैं। उनका मुकाबला भाजपा के मनिंदरपाल सिंह, सपा-रालोद गठबंधन के पूर्व विधायक गुलाम मोहम्मद, बसपा के नजाकत अली और कांग्रेस के जगदीश प्रसाद से है।
मेरठ के मूल निवासी भूपेंद्र सिंह पांच महीने पहले जमानत पर छूटे हैं। अप्रैल 2021 में पुलिस ने उन्हें तब जेल में डाल दिया था, जब बाफर और उनके साथियों ने उस पुलिस पार्टी पर कथित तौर पर फायरिंग कर दी थी, जो क्रिमिनल रोहित संदू को अदालत ले जा रही थी। इस हमले में एक सब इंस्पेक्टर की मौत हो गई थी।
बाफर से जब आजाद समाज पार्टी (के) से चुनाव लड़ने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा पार्टी के संस्थापक के साथ मेल खाती है जो गरीबों और दलितों के लिए लड़ते हैं। एएसपी (के), अपना पहला चुनाव लड़ रही है। इसकी स्थापना वकील से नेता बने चंद्रशेखर आजाद ने 2020 में की थी। पार्टी ने कई अन्य छोटे संगठनों के साथ मिलकर सामाजिक समवेश गठबंधन (सोशल एसिमिलेशन एलायंस) का गठन किया है।
वहीं भाजपा उम्मीदवार मनिंदरपाल सिंह ने दावा किया है कि इस सीट पर मुकाबला सपा-रालोद गठबंधन और भाजपा के बीच है। उन्होंने कहा- “मेरे खिलाफ दर्ज सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं और मामूली अपराध हैं लेकिन बाफर एक कुख्यात अपराधी है जिस पर हत्या, डकैती, अपहरण और लूट का आरोप है। ‘बाफर’ एक राजनीतिक मजाक के अलावा और कुछ नहीं है।”
सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने इस सीट पर सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए मौजूदा विधायक जितेंद्रपाल सिंह के बजाय मनिंदरपाल सिंह को मैदान में उतारा है। सिवालखास सीट पर 3.24 लाख मतदाताओं में से लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम और 20 प्रतिशत जाट हैं, जबकि अनुसूचित जाति के लगभग 18 प्रतिशत मतदाता हैं।