उत्तर प्रदेश चुनाव का बिगुल बज चुका है और पहले चरण के लिए सभी प्रत्याशियों ने नामांकन भी कर दिया है। 21 जनवरी नामांकन की आखिरी तारीख थी। जब से उत्तर प्रदेश में पहले चरण के उम्मीदवारों की घोषणा हुई है, उसी समय से कैराना विधानसभा सीट चर्चा का विषय बनी हुई है। कैराना से सपा रालोद गठबंधन ने नाहिद हसन को टिकट दिया है। नाहिद हसन समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार है। वर्तमान में नाहिद हसन कैराना से विधायक भी हैं। 2017 में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को 21 हजार से अधिक वोटों से हराया था।
वर्तमान में नाहिद हसन जेल में बंद है और 15 जनवरी को ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है और वह काफी दिनों से इस मामले में वांछित चल रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कैराना में डोर टू डोर कैंपेन किया और इस दौरान बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह भी उनके साथ थीं। अमित शाह के दौरे से बीजेपी कार्यकर्ता खूब जोश में थे और अमित शाह ने बाद में मीडिया से बात करते हुए योगी सरकार की तारीफ भी की।
बीजेपी की ओर से मृगांका प्रत्याशी: बीजेपी ने कैराना से हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाया है। हुकुम सिंह 1996, 2002, 2007 और 2012 में लगातार चार बार कैराना से विधायक रह चुके हैं। 2017 के चुनाव में बीजेपी ने मृगांका सिंह को कैराना से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन मृगांका नाहिद हसन से 21 हजार से अधिक वोटों से हार गई थी।
नाहिद की बहन ने भी भरा नामांकन: वहीं पर स्थिति को देखते हुए नाहिद हसन की बहन इकरा हसन ने भी कैराना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन किया है। अगर नाहिद हसन का नामांकन निरस्त होता है उस स्थिति में कैराना सीट से इकरा हसन प्रत्याशी होंगी। इकरा हसन ने मीडिया से कहा था कि सरकार पर उनको भरोसा नहीं है। सरकार उनके भाई का नामांकन निरस्त करा सकती है।
सपा ने नाहिद का किया बचाव: नाहिद हसन का समाजवादी पार्टी बचाव कर रही है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नाहिद के बचाव में कहा है कि बीजेपी सरकार में उनके नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए।
समाजवादी पार्टी ने नाहिद हसन का बचाव करते हुए सोशल मीडिया पर बयान जारी किया कि, ‘उन्होंने कई सामाजिक काम किए हैं, जिसकी वजह से उन्हें बहुत सम्मान और लोकप्रियता हासिल हुई है। नाहिद हसन ने कोरोना के दौर में भी गरीब व पिछड़े लोगों को खाना दिया है। उनके माता-पिता भी पूर्व में सांसद रह चुके हैं। नाहिद हसन दूसरे सभी आवेदकों से बेहतर उम्मीदवार हैं, इसलिए उनको टिकट दिया गया।
नाहिद हसन के माता पिता रह चुके हैं सांसद: नाहिद हसन के माता-पिता भी सांसद रह चुके हैं। नाहिद हसन के पिता मुनव्वर हसन कैराना के लोकप्रिय व्यक्ति हैं और 1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। जबकि नाहिद हसन की माता तबस्सुम हसन दो बार सांसद रह चुकी हैं। 2009 में तबस्सुम हसन बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी जा चुकी है। जबकि 2018 के उपचुनाव में तबस्सुम हसन रालोद के टिकट पर सांसद चुनी जा चुकी है।
जातीय समीकरण: कैराना विधानसभा सीट मुस्लिम और जाट बाहुल्य सीट है। यहां पर करीब एक लाख मुस्लिम वोट है तो वहीं पर करीब 90 हजार जाट वोट भी है। गुर्जर मतदाता भी कैराना में निर्णायक है। वहीं पर अन्य समाज में ठाकुर और सैनी भी कैराना में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
