उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही योगी सरकार के कुल 14 विधायकों ने अबतक अपना इस्तीफा दे दिया है। इसमें योगी सरकार के तीन मंत्री भी शामिल हैं। हालांकि इस भगदड़ में सबसे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य, फिर दारा सिंह चौहान और गुरुवार को धर्मपाल सिंह सैनी ने इस्तीफा दे दिया। बता दें कि इन इस्तीफों को लेकर भाजपा कह रही है कि जिनके टिकट कटने थे वही लोग जा रहे हैं।
जिनका टिकट कट सकता है वो दूसरा रास्ता तलाश रहे हैं: मालूम हो कि इस चुनावी भगदड़ को लेकर टीवी न्यूज चैनलों पर बहस देखी जा रही है। न्यूज 18 टीवी चैनल पर हुई एक डिबेट में भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि जिन लोगों को टिकट कटने का डर था, वही लोग भाजपा छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा 2017 में जीते सभी विधायकों को इस बार भी टिकट मिलेगा ऐसा नहीं है। ऐसे में जिनको टिकट कटने का एहसास हुआ है वो दूसरा रास्ता तलाश रहे हैं।
‘भाजपा में थे तो काम के, खेमा बदल लिए तो बेकार’: इस पर एंकर ने सवाल किया कि खबर तो ये थी कि 150 लोगों के टिकट कट सकते हैं। तो क्या 100 से 150 लोग पार्टी छोड़ने वाले हैं? भाजपा प्रवक्ता ने कहा, “कुछ लोग छोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। आचार संहिता लगते ही लोगों की धुलाई हो रही है। ये धुलकर के बाहर निकल जाएंगे। जिनको जाना होगा वो जाएंगे।” एंकर ने कहा कि जब ये लोग आपके साथ थे तो जीत की गारंटी थे, लेकिन आज दल बदल लिए तो किसी काम के नहीं है।
बता दें कि 10 फरवरी से यूपी में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पहले चरण से पहले ही एक दल से दूसरे दल में जाने की दौड़ जारी है। ओबीसी के बड़े नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्मपाल सैनी के भाजपा से जाने से माना जा रहा है कि पार्टी को चुनावों में नुकसान होगा। हालांकि भाजपा इससे इनकार कर रही है।