भारतीय जनता पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 107 प्रत्याशियों के नामों की सूची जारी कर दी है। सामने आई सूची में 25 प्रत्याशियों के नाम ऐसे हैं जिनपर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। बता दें कि इन सभी उम्मीदवारों के नाम चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक भाजपा की वेबसाइट पर जारी किए हैं।

केशव प्रसाद मौर्य पर चार मामले: उत्तर प्रदेश में भाजपा ने इन उम्मीदवारों को टिकट देने को उचित ठहराया है। पार्टी का कहना है कि इन लोगों को राजनीति के तहत मामलों में फंसाया गया है। बता दें कि इस सूची में सबसे बड़ा यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का है। मौर्य पर चार आपराधिक मामले हैं। पार्टी ने उन्हें सिराथू से उम्मीदवार बनाया है।

पार्टी का कहना है कि “केशव प्रसाद मौर्य पूर्व सांसद और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्य के डिप्टी सीएम हैं। वह न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में बल्कि पूरे राज्य में बेहद लोकप्रिय हैं। उनका नाम पार्टी की जिला इकाई द्वारा योग्यता, उनके सामाजिक कार्यों और राज्य के लोगों के उत्थान के क्षेत्र में किए गए कार्यों के आधार पर आगे बढ़ाया गया है।

इन पर भी हैं मामले: मौर्य के अलावा बिजनौर की नजीबाबाद सीट के उम्मीदवार कुंवर भारतेंदु सिंह, मुजफ्फरनगर के कैंडिडेट कपिल देव अग्रवाल और थानाभवन सीट के कैंडिडेट सुरेश राणा का भी नाम इसमें शामिल है। सुरेश राणा पर तीन मुकदमें दर्ज हैं। वहीं कपिल देव अग्रवाल पर 6 मामले दर्ज हैं।

भाजपा का कहना है कि सुरेश राणा वर्तमान सरकार में गन्ना विकास मंत्री हैं और किसानों को गन्ना बकाया जारी करने के अपने उत्कृष्ट कार्यों के कारण बेहद लोकप्रिय हैं। ऐसे में उन्हें टिकट दिया गया है। आपराधिक मुकदमों वाले प्रत्याशियों की सूची में मेरठ सिटी के कैंडिडेट कमल दत्त शर्मा का भी नाम इस लिस्ट में हैं।

फतेहपुर सीकरी से भाजपा प्रत्याशी बाबू लाल के खिलाफ सात मामले दर्ज हैं। इसपर बीजेपी का कहना है उन्हें राजनीतिक रंजिश के चलते फंसाया गया है। वहीं बुढ़ाना सीट से भाजपा उम्मीदवार उमेश मलिक पर छह आपराधिक मामले दर्ज हैं।

दरअसल पिछले साल बिहार विधानसभा चुनावों के बाद से चुनाव आयोग द्वारा निर्देशित है कि राजनीतिक दलों को सार्वजनिक रूप से यह घोषित करना होगा कि वे कितने आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को टिकट दे रहे हैं। साथ ही इसके पीछे का कारण भी बताना होगा।