यूपी चुनाव में राजनीतिक रस्साकशी के बीच बहराइच की कैसरगंज विधानसभा सीट पर एक ही पार्टी के दो प्रत्याशियों का नामांकन चर्चा में हैं। बता दें कि कैसरगंज की सीट से सपा के दो अलग-अलग नेताओं ने खुद को सपा समर्थित प्रत्याशी बताते हुए अपना नॉमिनेशन किया है। इतना ही नहीं दोनों ने समाजवादी पार्टी से बाकायदा ए बी फॉर्म लाकर अपना नामांकन किया है।

बता दें कि इस सीट पर सबसे पहले मसूद आलम ने सपा से नामांकन कराया। वहीं बाद में इसी सीट से आनंद यादव ने अपना पर्चा दाखिल किया। ऐसे में यह सीट अब प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। गौरतलब है कि बहराइच में पांचवे चरण में मतदान होना है। दरअसल सपा ने पहले अपनी लिस्ट में मसूद आलम को सपा प्रत्याशी घोषित किया था।

हालांकि जानकारी के मुताबिक दूसरे जिले का निवासी होने के कारण मसूद आलम का कैसरगंज विधानसभा में नामांकन के बाद विरोध शुरू हो गया था। मसूद का विरोध देख आनंद यादव मैदान में कूद पड़े। कहा जा रहा है कि विरोध को देखते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कैसरगंज सीट पर बिना किसी आधिकारिक घोषणा के आनंद यादव को भी ए बी फॉर्म दे दिया।

ऐसे में दोनों प्रत्याशियों ने कैसरगंज विधानसभा सीट पर अपना नामांकन दाखिल किया। बता दें कि इस हालत में कैसरगंज विधानसभा में सपा समर्थकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। पार्टी समर्थक तय नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर वो किसे वोट करें। फिलहाल अभी पार्टी ने अपनी तरफ से कोई आधिकारिक निर्णय नहीं लिया है कि दोनों में से कौन कैसरगंज से विधानसभा चुनाव लड़ेंगा।

गौरतलब है कि दोनों ने ही टिकट को लेकर पार्टी को धन्यवाद दिया है। मसूद आलम ने बताया कि कैसरगंज में पिछले 20 सालों में सपा नहीं जीत सकी है। साइकिल नहीं जीत पाई है इसलिए उन्हें टिकट मिला है। वहीं आनंद यादव का दावा है कि पार्टी की तरफ से उन्हें भी ए बी फार्म के साथ स्पेशल लेटर मिला है।

आनंद यादव का कहना है कि बोर्ड ने अपने फैसले में मेरे नाम पर मुहर लगाई है। आधिकारिक रूप से मुझे टिकट मिला है। वहीं मसूद का कहना है कि यह विरोधियों द्वारा भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है। उनकी जमीन खिसक चुकी है। कैसरगंज में पिछले 6 महीने से मैं गांव गांव पहुंचा हूं। मुझे जनता का आशीर्वाद मिलेगा।