उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले, पिछड़े समुदाय से आने वाले कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी कैबिनेट से इस्तीफा देकर भाजपा को तगड़ा झटका दिया है। योगी कैबिनेट से इस्तीफे के बाद उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने को लेकर चल रही अटकलों के बीच, स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा में लौटने की संभावनाओं को खारिज कर दिया।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, बीजेपी पर निशाना साधते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल होने को लेकर कई तरह के विरोधाभासी बयान दिए। उन्होंने दावा किया, “मेरे इस कदम से भाजपा में भूचाल (भूकंप) आ गया है। मैंने केवल मंत्री पद छोड़ा है। मैं जल्द ही बीजेपी छोड़ दूंगा। अभी के लिए, मैं समाजवादी पार्टी में शामिल नहीं हो रहा हूं। आज और कल मैं अपने लोगों से बात करूंगा।”
उन्होंने कहा, ”अखिलेश यादव ने मुझे बधाई दी है। मैं 14 तारीख को बताऊंगा कि मैं राजनीतिक तौर पर आगे क्या करूंगा।” स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, ”मैंने बीजेपी को ठोकर मार दी है, दोबारा वापस जाने का सवाल ही नहीं है।” वहीं, इसके कुछ देर पहले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, “मैं 14 जनवरी को समाजवादी पार्टी ज्वाइन करूंगा। मुझे किसी छोटे या बड़े राजनेता का फोन नहीं आया है।”
मंगलवार को, स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे की खबरों के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने उनके साथ एक तस्वीर ट्वीट की। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थकों का सपा में स्वागत किया था। इसके बाद से ये अटकलें तेज हो गई थीं कि मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के योगी कैबिनेट से इस्तीफे के बाद चार और विधायकों ने भी इस्तीफा के ऐलान कर दिया है। इनमें बांदा के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश कुमार प्रजापति, शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रौशन लाल वर्मा, कानपुर देहात की बिल्हौर सीट से विधायक भगवती सागर और औरैया जिले की बिधूना सीट से भाजपा विधायक विनय शाक्य शामिल हैं।