विनय ओसवाल

तीन सीटों वाले हाथरस जिले के मतदाता 20 फरवरी को तीसरे चरण में मतदान करेंगे। 2017 में दो क्षेत्रों हाथरस सदर (सुरक्षित) और सिकन्दराराऊ (सामान्य) के मतदाताओं ने राज्य में भाजपा को तो भरपूर मतों से जिता दिया लेकिन इन पांच साल में उनके अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। हाथरस सदर सीट से निर्वाचित भाजपा विधायक हरिशंकर माहौर पूरे पांच वर्ष में अपनी लाख कोशिषों के बाद भी अधिकांश मतदाताओं और समर्थकों की समस्याओं का समाधान नहीं करा पाए तो सिकन्दराराऊ विधायक भी निष्क्रिय ही रहे। नतीजतन आलाकमान ने हाथरस सदर विधायक का टिकट काट दिया और सिकन्दराराऊ के विधायक को योग्य मानकर दोबारा टिकट थमा दिया है। यहां उल्लेखनीय है कि 2012 में तीनों सीटों पर भाजपा उम्मीदवार हारे थे।

तीसरी सीट सादाबाद के मतदाता बसपा के निवर्तमान विधायक रामवीर उपाध्याय को भाजपा में शामिल करने और टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार देने के आलाकमान के निर्णय को विस्मय की स्थिति से देख रहे हैं। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि पार्टी आलाकमान का उद्देश्य राज्य में महज ब्राह्मण उम्मीदवारों की संख्या बढ़ाना ही है या कुछ और भी हैै।

सादाबाद का जातीय समीकरण भी भाजपा के पक्ष में नहीं हैं। यहां से सपा-रालोद गठबंधन के प्रदीप चौधरी उर्फ गुड्डू चौधरी हैं। हाल ही में भाजपा छोड़ बसपा में शामिल हुए अविन शर्मा को पार्टी ने मैदान में उतारा हैै। ऐसा माना जा रहा है कि वह एक सीमा तक ब्राह्मण और जाटव मतों को भाजपा या गठबंधन की तरफ रुख करने से रोकेंगे। सादाबाद क्षेत्र में रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय, उनके भाई और पुत्र उनकी अनुपस्थिति में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। रामवीर कहीं दिखाई नहीं पड़ते, हालांकि उनका एक फोटो जरूर वायरल किया जा रहा है।

सिकन्दराराऊ सीट से अपने ही निवर्तमान विधायक को दोबारा उम्मीदवार बनाए जाने से पार्टी के क्षेत्रीय कार्यकर्ता बहुत क्षुब्ध हैं। इस क्षेत्र के 60 गांव पीने के पानी की बूंद-बूंद को कई दशकों से तरस रहे हैं। जल निगम ने इस क्षेत्र की स्थायी समस्या के समाधान के लिए 207 करोड़ की परियोजना बना कर योगी सरकार के सामने पेश की थी। राणा कहते हैं यह परियोजना उन्हीं की पहल पर तैयार की गई थी लेकिन क्षेत्र के मतदाता इस परियोजना के लिए धन स्वीकृत न करा पाने का ठीकरा विधायक के सिर ही फोड़ रहे हैं।

पुरदिल नगर के विष्णु कांत शर्मा बताते हैं कि सिकन्दराराऊ विधानसभा क्षेत्र में स्थित कचौरा का दवा उद्योग, पुरदिल नगर का मूंगा-मोती और चूड़ी उद्योग, हसायन का इत्र उद्योग, सिकंदराराऊ का जरदोजी उद्योग, बिजली के बिलों की आसमान छूती दर, निरंतर महंगे होते जा रहे कच्चे माल के कारण सिसक रहे सैकड़ों वर्ष पुराने और एक समय भारी निर्यात आय देने वाले पुरदिल नगर के इस कुटीर उद्योग को न रियाती दरों पर मिट्टी का तेल उपलब्ध कराया गया और न हीं एलपीजी गैस।

अब हजारों कारीगर बेरोजगार होकर भुखमरी का शिकार हो चुके हैं। यहां सपा ने बघेल समाज के नए और युवा चेहरे को उम्मीदवार बना बघेलों, यादवों, मुसलमानों तथा अन्य जातियों के बीच समीकरण साधने की कोशिश की है। यहां राजपूतों का बाहुल्य है। भाजपा और बसपा दोनों के राजपूत उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। बसपा के ठाकुर अवधेश सिंह शीर्ष इत्र कारोबारी हैं। भाजपा प्रत्याशी से नाराज ठाकुर मतदाता अगर ऐन समय पर बसपा के अवधेश सिंह की तरफ झुक गया तो संघर्ष त्रिकोणीय हो जाएगा।

आगरा की खंदौली से लेकर हाथरस, सादाबाद सासनी होते हुए अलीगढ़ की सीमा तक पूरी पट्टी में बहुतायत किसान आलू उगाते हैं। यहां आलू उत्पादक चाहते हैं कि सरकारी या सहकारी क्षेत्र में चिप्स उद्योग की स्थापना होनी चाहिए जिससे उन्हें आलू का लाभकारी मूल्य मिल सके।