यूपी चुनाव से पहले इनकम टैक्स का यूपी में छापा अभियान जारी है। कई सपा नेताओं के यहां छापा मारने के बाद अब आईटी की टीम बिल्डर अजय चौधरी के ठिकानों पर पहुंची है। इन्हें अखिलेश यादव का करीबी माना जाता है।
आयकर अधिकारी दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आगरा में रियल एस्टेट कंपनी एसीई ग्रुप और उसके प्रमोटर अजय चौधरी की संपत्तियों की तलाशी ले रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार अजय चौधरी दिल्ली एनसीआर के बड़े बिल्डर्स में से एक हैं। नोएडा के एसीई ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस से छापेमारी शुरू हुई और उनके पुश्तैनी घर आगरा तक इसका दायरा बढ़ते चला गया है।
बताया जा रहा है कि छापा 40 से अधिक जगहों पर मारा गया है। सूत्रों के अनुसार अजय चौधरी, अखिलेश यादव के काफी करीबी दोस्त हैं। कई दिनों से ये अनुमान था कि यहां छापे मारे जाएंगे। इससे पहले भी कई सपा नेताओं के यहां इनकम टैक्स छापा मार चुकी है।
बता दें कि आयकर विभाग के निशाने पर पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजीव राय समेत चार अन्य लोग आए थे। ये सभी सपा से जुड़े हैं और अखिलेश यादव के करीबी हैं। तब आईटी ने लखनऊ से लेकर मऊ तक छापेमारी की थी। आयकर विभाग की टीम ने लखनऊ के जैनेंद्र यादव और मैनपुरी में मनोज यादव के घर पर भी छापेमारी की थी। हालांकि तब जानकारी सामने आई थी, कि इनके यहां से इनकम टैक्स विभाग को कुछ खास हाथ लग नहीं पाया था।
इसके बाद कानपुर में इत्र व्यापारी पीयूष जैन के यहां छापे पड़े, जहां से 257 करोड़ रुपये की बरामदगी की बात कही गई थी। इसे बीजेपी ने सपा का करीबी बताया था, हालांकि सपा का कहना था कि पीयूष जैन बीजेपी के करीबी हैं, सपा के नहीं। आईटी ने गलत जगह छापेमारी कर दी है। इसके कुछ दिन बाद ही आईटी ने सपा एमएलसी पुष्पराज जैन के यहां छापा मार दिया। ये भी अखिलेश यादव के काफी करीब हैं। तब अखिलेश ने खुद इस मामले पर एक प्रेस कांफ्रेंस करके बीजेपी पर निशाना साधा था।
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार के समय में विपक्षी नेताओं पर काफी रेड पड़े हैं। यूपीए-2 सरकार से तुलना करने पर पता चलता है कि बीजेपी के राज में विरोधियों पर 340 प्रतिशत ज्यादा रेड मारी गई हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो ये भी पता चलता है कि चुनावों के दौरान या जब भी विपक्षी पार्टी में बगावत की स्थिति आई तो अचानक से रेड की संख्या भी बढ़ती चली गई है।