चुनाव आयोग आगामी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर चुका है। प्रचार के लिए नियम भी तय कर दिए हैं। चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही अब किस राज्य में, किस पार्टी का पलड़ा भारी है, उस पर चर्चा तेज हो चुकी है। चुनावी विश्लेषकों की मानें तो बहुध्रुवीय चुनाव होने से बीजेपी को फायदा हो सकता है।

आजतक पर बात करते हुए चुनावी विश्लेषक संजय सिंह ने कहा कि बहुध्रुवीय चुनाव होने से बीजेपी को फायदा होगा। यूपी में सपा, कांग्रेस और बसपा अलग-अलग लड़ रही है। इससे एंटी बीजेपी और सत्ता विरोधी वोटों का बंटवारा होगा, जिससे बीजेपी को फायदा मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। सिंह ने कहा कि गोवा में भी यही हाल है, कांग्रेस के साथ-साथ टीएमसी और आप आ चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी आम आदमी पार्टी ने दस्तक दे दी है। आप मजबूत नहीं है, लेकिन कांग्रेस का वोट वो काटेगी। वहीं पंजाब में आप आगे दिख रही है।

वहीं वरिष्ठ पत्रकार विनोद अग्निहोत्री इससे अलग मत रखते दिखे। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बीजेपी का दांव ज्यादा लगा हुआ है। इन पांच राज्यों में चार में उसकी सरकार और यहां उसे सरकार बचानी है और पंजाब में उसे कोशिश करनी है क्योंकि पहली बार भारतीय जनता पार्टी पंजाब में चुनाव बिना अकाली दल के ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

उन्होंने यूपी को लेकर कहा कि ऐसा नहीं है कि चार दल अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं तो बीजेपी चुनाव जीत ही जाएगी। यूपी में बहुध्रुवीय चुनाव भले हो रहा है, लेकिन टक्कर बीजेपी और सपा के बीच ही है। कांग्रेस और बीएसपी किसका वोट काटेंगे ये अलग सवाल है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब की स्थिति बहुत कंफ्यूजिंग है। यहां किसानों की भी एक पार्टी है। चन्नी एक नए प्लेयर के रूप में सामने ऊभर कर आए हैं। पंजाब के सीएम को कम नहीं आंका जा सकता है।

बता दें कि यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कुल सात चरणों में चुनाव होंगे। 10 फरवरी को पहले चरण के लिए वोट डाले जाएंगे और सात मार्च को सातवें चरण के लिए मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।