यूपी विधानसभा चुनाव का असर ऐसा है कि अब हर रोज की प्राइम टाइम कार्यक्रमों में इस पर तीखी बहसें जारी हैं। ऐसे ही एक बहस में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास और बसपा प्रवक्ता साजिद रशीदी जातिगत और धार्मिक समीकरण पर भीड़ गए। जहां रशीदी ये मांग कर रहे थे कि अयोध्या, मथुरा का महंत कोई दलित क्यों नही है, तो ऐंकर ने पलट कर कहा कि जामा मस्जिद का इमाम किसी अहमदिया को बनाएंगे क्या।

गौरतलब है कि चुनावी दौर में सियासी गलियारों में जाति और धर्म अहम मैदान माने जाते हैं, जहां हार और जीत की लकीर खींची जाती है। ऐसे में महंत राजू दास और साजिद रशीदी जाति और धर्म पर भिड़ गए। रशीदी का आरोप है कि हिंदू धर्म में जातिगत भेदभाव है और दलितों को मंदिर में जाने से रोका जाता है और उनका किसी मंदिर में महंत नहीं है।

इन आरोपों का खंडन करते हुए महंत दास ने कहा कि हिंदू धर्म में जाति के आधार पर किसी को भी मंदिर से दूर नहीं रखा जाता, अयोध्या में पांच हजार साधु संत हैं जिनमे लगभग चार हजार पिछड़े वर्ग के हैं, मगर वे महंत वाले सवाल से बचते दिखे, जो रशीदी का आरोप है। हिंदू धर्म पर भेदभाव का आरोप लगा रहे रशीदी पर ऐंकर भारी पड़ गए, जब वे पूछे कि क्या मुस्लिम लोग जामा मस्जिद का इमाम किसी अहमदिया को बनाएंगे। इस पर रशीदी ने कहा कि इस्लाम में जाति नहीं होती, मगर रशीदी भी अहमदिया वाले सवाल से बचते दिखे।

दरअसल अहमदिया इस्लाम के तमाम फिरकों में से ही एक फिरका है, जिसे निम्न माना जाता है और उसे मक्का में होने वाली हज में शिरकत करने का भी अधिकार नहीं है। बहरहाल इमाम वाले सवाल पर रशीदी भड़क गए और ऐंकर को बोला कि आप राजू दास हैं जो ये सवाल पूछ रहे हैं। रशीदी का कहना था कि ये सवाल महंत दास पूछ सकते हैं न कि आप।

खैर तमाम बहसों के केंद्र में यूपी का चुनाव है जिसमें जातिगत और धार्मिक समीकरण एक अहम भूमिका निभाते हैं। दूसरे तरफ आरएसएस प्रमुख चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ कर रहे हैं जिसमें हिंदू धर्म से गए लोगों की घर वापसी के लिए अपने लोगों को संकल्प दिला रहे हैं कि हिंदू धर्म से विमुख लोगों को वे फिर से हिंदू बनाएंगे।