बीजेपी यूपी चुनाव में योगी आदित्यनाथ के चेहरे को सामने रखकर भले ही चुनाव लड़ रही है, लेकिन भाजपा के लिए ट्रंप कार्ड पीएम मोदी ही दिख रहे हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी की धुआंधार रैलियों को भाजपा अपना ट्रंप कार्ड बनाने की तैयारी कर रही है।
भाजपा आज भी सबसे ज्यादा अपने अंतिम ट्रम्प कार्ड के रूप में प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता पर दृढ़ता से भरोसा करती दिख रही है। यही कारण है कि पीएम चुनाव की घोषणा से पहले ही ज्यादातर इलाकों में रैली कर चुके हैं या फिर करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग 15 जनवरी तक रैलियों पर रोक लगा चुका है।
15 जनवरी के बाद क्या होगा उसपर आयोग बाद में फैसला करेगा। रैलियों पर रोक बरकरार रहने पर भाजपा वर्चुअल रैलियों के सहारे जनता को साधने की कोशिश करेगी और पीएम इन रैलियों के जरिए जनता से संपर्क साधते हुए देखे जा सकते हैं।
पीएम मोदी, जो भाजपा के विकास के साथ-साथ, अपने भाषणों में हिन्दुत्व के मुद्दों को भी बेहतरीन तरीके से जनता के सामने रखते हैं। हिन्दुत्व का मुद्दा पीएम और भाजपा दोनों के लिए अजमाया हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी इस चुनाव में अपने सभी सांसदों को मैदान में उतारने जा रही है। सांसद से लेकर मंत्री तक सभी भाजपा के लिए वोट मांगते देखे जा सकते हैं।
यूपी बीजेपी प्रमुख ने इसे लेकर कहा है कि पीएम मोदी एक ऐसे नेता हैं, जो सीधे जनता से जुड़ने की क्षमता रखते है-चाहे वह बौद्धिक वर्ग हो या सामाजिक सीढ़ी के सबसे निचले पायदान पर रहने वाले समुदाय। टीओआई के अनुसार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- “समाज के हर वर्ग के साथ तालमेल बिठाने की उनकी अतुलनीय क्षमता उन्हें अत्यधिक लोकप्रिय बनाती है और पार्टी को अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे निकलने में मदद करती है”।
भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी की योजना सभी छह संगठनात्मक क्षेत्रों में हर रणनीतिक स्थान पर रैलियां आयोजित करने की है। इन रैलियों का उद्देश्य नए वोटरों और समर्थकों को मजबूती से अपनी तरफ करना है, साथ ही भाजपा की कोशिश रहेगी कि सरकार विरोधी लहर को भी खत्म किया जा सके। इसमें भाजपा सबसे ज्यादा पीएम मोदी की छवि का इस्तेमाल कर सकती है।