UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले जनता का विश्वास जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी लगातार जन विश्वास रथयात्रा निकाल रही है। इससे वह खुद को जनता के करीब पहुंचकर उनसे अपने को जोड़ने की बात कहती है। साथ ही उनकी बातें सुनने और अपने कार्यों को दिखाने का सीधा माध्यम बताती है। इसी कड़ी में इस जन विश्वास रथ यात्रा का सोमवार को कांग्रेस के गढ़ अमेठी के जगदीशपुर में समापन होगा। पार्टी ने अपनी यात्रा का आरंभ जितना भव्य तरीके से किया था, अब उसका समापन भी उसी अंदाज में करेगी।

इसीलिए रविवार को जब यह यात्रा अमेठी पहुंचेगी तो स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी उसका स्वागत करने के लिए मौजूद रहेंगी। इसके अगले दिन सोमवार को सीएम योगी इसका विधिवत समापन करेंगे। भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरि ने बताया कि रथयात्रा के ऐतिहासिक स्वागत की तैयारी में मंत्री के अपर सचिव विजय गुप्ता की टीम जुटी है। कांग्रेस के गढ़ अमेठी रायबरेली में 10 विधानसभा सीटें हैं। इसमें भाजपा के पास 6 विधायक हैं। बाकी कांग्रेस और सपा के पास दो- दो विधायक हैं।

अमेठी रायबरेली की दस विधानसभा सीटों पर कब्जे के लिए सभी दल जुटे हैं, लेकिन अमेठी रायबरेली में सपा बसपा कांग्रेस और भाजपा चारों के लिए जमीन बचाने की चुनौती है। इससे भाजपा की जीत के लिए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी हफ़्ते में एक बार अमेठी आती है। इसके बाद वे रायबरेली भी जाती है।

बाकी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केशव मौर्य के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद अमेठी में जनसभा करेंगे। कांग्रेस के गढ़ में सपा विधायकों की जीत के लिए अखिलेश यादव दो बार रायबरेली आ चुके हैं। इसके बाद स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में समाजवादी विरासत की वापसी के लिए अमरेंद्र सिंह पिंटू जुटे हैं। इनकी 2012 की पुरानी और नई दोनों टीम घर-घर साइकिल के झंडे को गाड़ने के अभियान में जुटे है। जबकि रायबरेली में ऊंचाहार के सपा विधायक मनोज पाण्डेय लगे हैं।

कांग्रेस की वापसी के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी खुद अमेठी में पदयात्रा और बड़ी रैली कर चुके हैं। इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार सिंह लल्लू भी धरना प्रदर्शन के बहाने अमेठी आए थे। बसपा से सतीश चंद्र मिश्र को छोड़कर बाकी कोई नहीं आया था। लेकिन अमेठी में एक उम्मीदवार के नाम का एलान हो चुका है।

मगर बसपा के पास अमेठी जनपद में कार्यालय तक नहीं है। संगठन बिखर चुका है। जिससे जमीनी कार्यकर्ता सपा कांग्रेस और भाजपा में शामिल हो चुके हैं। फिलहाल अमेठी में बसपा चौथे पायदान पर नजर आ रही है। जबकि मायावती कई बार मुख्यमंत्री बन चुकी है। अमेठी में राहुल गांधी तीन बार सांसद बन चुके हैं। लेकिन 2019 के चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से हार गए थे।

अमेठी में कांग्रेस के पास विधायक नहीं है। जबकि रायबरेली में विधायक थे। लेकिन दोनों विधायक चुनावी जीत के बाद से बागी हो चुके है।सदर विधायक अदिति सिंह भाजपा में शामिल हो चुकी है। लेकिन राकेश सिंह अभी किसी दल में नहीं है।