उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच की चुनावी जंग रोमांचक दौर में पहुंच गई है। जबकि अभी तक बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस इस जंग में मुकाबले में नहीं आ पा रहे हैं। प्रदेश के ब्राह्मण मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए अखिलेश यादव परशुराम की मूर्ति लगवा रहे हैं, जबकि योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार की पांच सालों की उपलब्धियां गिनाने में मशरूफ हैं।

उत्तर प्रदेश के 15 करोड़ से अधिक मतदाताओं को रिझाने के लिए सियासी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी लगातार अपनी सरकार के विकास को जनता के सामने रख कर वोट मांगती नजर आ रही है। उधर, अखिलेश यादव अपनी सरकार की पांच साल की उपलब्धियों को गिनाने में पीछे नहीं हैं।

कानपुर मेुं इत्र व्यवसायी के घर छापेमारी में मिले सैकड़ों करोड़ रुपये को चुनावी मुद्दा बना कर भारतीय जनता पार्टी और उनके प्रचारक अख्लिेश यादव को घेरने में जुटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक मंच से कह चुके कि इत्र की खुशबू को उनकी सरकार ने काले धन की कमाई से बेनूर कर दिया। इशारों ही इशारों में मोदी ने अखिलेश पर निशाना साधा। जबकि योगी बोले कि पांच साल सत्ता से बाहर रहने के बाद भी लोगों के घरों से दो-दो सौ करोड़ रुपए मिल रहे हैं।

उधर, अखिलेश पलटवार कर रहे हैं कि जिस इत्र कारोबारी के घर से करोड़ों मिले, उनसे समाजवादी पार्टी और उनका कोई नाता नहीं है। एक-दूसरे को घेरने में जुटीं भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच मची होड़ के बीच अखिलेश परशुराम की मूर्ति लगवा कर ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश में हैं। उन्हें लगता है कि प्रदेश के 12 फीसद ब्राह्मणों को परशुराम की मूर्ति लगवा कर अपने पाले में वे कर सकते हैं। जबकि भाजपा अखिलेश सरकार में ब्राह्मणों के उत्पीड़न के मामलों को उठा कर अखिलेश को घेरने की कोशिश कर रही है। बात उर्दू अनुवादकों और संस्कृत शिक्षकों की नियुक्ति तक पहुंच गई है।

उधर बहुजन समाज पार्टी पहले ही ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए सतीश चन्द्र मिश्र को आगे किए हुए है। जबकि मायावती खुद अब तक न किसी चुनावी सभा में शरीक हुई हैं और न कोई रैली ही उन्होंने की है। दर्शक की मुद्रा में बैठीं बहनजी समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच चल रहे वाकयुद्ध को देख रही हैं। वहीं, प्रियंका गांधी लड़की हूं लड़ सकती हूं नारे के साथ कांग्रेस को अलग पटरी पर डालने की कोशिश में हैं।

आम आदमी पार्टी ने भी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले तीन सौ यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कर अखिलेश यादव की पेशानी पर बल पैदा कर दिया है। दिल्ली की तर्ज पर अखिलेश पहले से प्रदेश की जनता को 300 यूनिट देने का वादा पहले ही कर चुके है। लेकिन अरविंद केजारीवाल ने यह कह कर कि 300 यूनिट बिजली देने का तरीका सिर्फ उन्हीं को पता है, मतदाताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस वक्त उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। प्रदेश के 15 करोड़ मतदाता सभी दलों को बड़ी गौर से देख रहे हैं। देखने वाली बात यह होगी कि आखिर किस दल के वादे प्रदेश की जनता का भरोसा इस बार के चुनाव में जीत पान में कामयाब हो पाते हैं।