देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव जारी है। इन चुनावों में बीजेपी लगातार परिवारवाद का मुद्दा उठा रही है। बीजेपी नेता और उसके आलाकमान हर चुनाव में यह मुद्दा उठाते रहे हैं। इसी को लेकर जब एनडीए की सहयोगी पार्टी और यूपी में भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टियों में भी परिवारवाद है। क्षेत्रीय दलों को लेकर ये गलत परशेप्शन बनाया गया है।
एबीपी न्यूज के घोषणापत्र कार्यक्रम में जब पीएम मोदी के परिवारवाद के आरोपों और क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व को लेकर सवाल पूछा गया तो अनुप्रिया पटेल ने कहा- “ये गलत है, ये परशेप्शन बनाती है बड़ी पार्टियां, क्षेत्रीय दलों के बारे में। क्षेत्रीय दलों का उदय क्यों होता है? अगर आप सबकुछ इतना ठीक से देख रहे हैं, तो क्षेत्रीय दल क्यों उत्पन्न होते हैं? इसलिए क्योंकि हमारा देश जो है, अलग-अलग वर्गों में बंटा हुआ है। बहुत सारे विषय ऐसे होते हैं जो राष्ट्रीय राजनीति के केंद्र में नहीं आ पाते हैं। इसलिए जब जनता के बीच में आवाज उठती है तो क्षेत्रीय दलों का उदय होता है। लोगों को वो जोड़ते हैं। इसमें लीड़र का प्रभाव ऐसा होता है, जो कहीं ना कहीं राष्ट्रीय नेताओं को परेशान करता है। कोई भी पार्टी सिस्टम से चलती है।”
उन्होंने आगे कहा कि बड़ी पार्टियों में इतने नेता हैं, जिनकी दूसरी पीढ़ी, तीसरी पीढ़ी, चौथी पीढ़ी राजनीति में है। अच्छे-अच्छे पदों पर है, वहां परिवारवाद नहीं है?
वहीं जीत के बाद सीएम के लिए योगी आदित्यनाथ या फिर कोई और के सवाल पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि एनडीए की जीत मिलने पर सबसे बड़ी पार्टी भाजपा होगी। सीएम फेस उनको तय करना है। इसमें हमारा कोई रोल नहीं है। हमारी पार्टी कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि ये भाजपा का अंदरूनी मामला है कि वो किसे सीएम पद के लिए चुनते हैं।
बता दें कि यूपी में 2017 में भी अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल बीजेपी के साथ ही गठबंधन करके मैदान में उतरी थी। इस बार भी पार्टी बीजेपी के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ रही है।