कानपुर का कारोबारी पीयूष जैन, जिसके यहां पर इनकम टैक्स और जीएसटी की छापेमारी में करोड़ों का कैश, कई किलो सोना और चांदी मिला, वो कभी एक कमरे के मकान में रहता था, लेकिन पिछले 15 वर्षों में वो सैकड़ों करोड़ का मालिक बन गया। पीयूष जैन के पास पैसा तो बहुत आ गया, लेकिन उसने कभी शो-ऑफ नहीं किया। वह अपने पैसे की भनक किसी को नहीं लगने देना चाहता था। पीयूष जैन को जब भी कन्नौज से कानपुर जाना होता था, तो वह इसके लिए गाड़ी का इस्तेमाल नहीं करता था बल्कि रोडवेज की सरकारी बस से ही कन्नौज टू कानपुर यात्रा करता था। वह सफेद कुर्ता और हवाई चप्पल पहनकर ही रहता था।
पीयूष जैन और उनका छोटा भाई अंबरीश जैन गली में पैतृक घर से ही खानदानी व्यवसाय चलाते थे। दो दशक पहले, पीयूष दो बेटों सहित परिवार को लेकर कानपुर चले गए और एक नया इत्र का व्यवसाय खोला। कुछ साल बाद, अंबरीश भी परिवार के साथ कानपुर शिफ्ट हो गया। पीयूष ने पान मसाला निर्माताओं को कच्चे माल की आपूर्ति के लिए कानपुर में नया कारोबार शुरू किया था। कानपुर में शिफ्ट होने के बाद भी पीयूष और अंबरीश ने कन्नौज में कारोबार बंद नहीं किया। दोनों भाई नियमित रूप से अपने परिवार के घर जाया करते थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पीयूष जैन मूलरूप से कन्नौज के छपट्टी मोहल्ले के होली चौक के रहने वाले हैं। पीयूष जैन, 40 से ज्यादा कंपनियों के मालिक हैं, इनमें दो मिडिल ईस्ट में भी हैं। इसके अलावा कन्नौज में उनकी परफ्यूम फैक्ट्री, कोल्ड स्टोर और पेट्रोल पंप भी हैं। पीयूष का मुंबई में भी घर है, इसके अलावा देश की आर्थिक राजधानी में ही उनका हेड ऑफिस और शोरूम भी है। पीयूष जैन इत्र का पूरा कारोबार मुंबई के ही शोरूम से करते हैं, यहीं से इनका इत्र विदेश भी भेजा जाता है।