बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी के वरिष्ठ सांसद लालकृष्ण आडवाणी ने एक ब्लॉग लिखा था। पार्टी के बहुत सारे लोगों का यह मानना है कि यह ब्लॉग पूरी तरह आडवाणी का लिखा हुआ नहीं हो सकता। माना गया कि ब्लॉग में पार्टी हाईकमान पर बीजेपी के मूल्यों को कमतर करने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा गया है। इसलिए यह पार्टी के लिए खासी किरकिरी का सबब भी बना। 91 साल के हो चुके आडवाणी के पास नियमित जाने वाले लोगों का मानना है कि वरिष्ठ नेता अकेले इस आर्टिकल को लिखने की हालत में नहीं थे। ऐसे में लोगों का शक उस पत्रकार की ओर जा रहा है, जो नियमित तौर पर आडवाणी के घर जाते हैं और पूर्व में आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी, दोनों के लिए भाषण लिख चुके हैं। यह वही पत्रकार हैं, जिन्होंने हाल ही में अखबार में एक आर्टिकल के जरिए कांग्रेस के घोषणा पत्र की तारीफ की थी। इसके अलावा, वह नैशनल हेरल्ड के लिए भी लिखते रहे हैं।

बता दें कि बीजेपी ने इस बार एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को लोकसभा चुनाव में उतरने के लिए टिकट नहीं दिया। उनकी परंपरागत गांधीनगर सीट से अमित शाह मैदान में उतरेंगे। हालांकि, इस मामले पर आडवाणी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन टिकट कटने के कुछ दिन बाद उनका ब्लॉग सामने आया था। ब्लॉग में उन्होंने लिखा था कि लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हमेशा से बीजेपी के लिए गौरव का विषय रहा है। आडवाणी के मुताबिक, बीजेपी में असहमति जताने वालों को कभी दुश्मन नहीं समझा गया। वहीं, भारतीय राष्ट्रवाद की अवधारणा में विश्वास न रखने वालों को भी देशद्रोही नहीं समझा गया।

आडवाणी के इस ब्लॉग को बीजेपी आलाकमान पर निशाने के तौर पर देखा गया। वहीं, ब्लॉग सामने आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। ब्लॉग की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा था कि उन्हें गर्व है कि वह बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। मोदी ने कहा कि आडवाणी ने सही अर्थों में बीजेपी के मतलब को समझाया है।