अगले महीने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। तेलंगाना में भी विधानसभा चुनाव हैं। राज्य के करीमनगर में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है। यहां एक तेजतर्रार पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय कुमार और दूसरे राज्य सरकार के कद्दावर मंत्री गंगुला कमलाकर आमने सामने हैं। अगर कांग्रेस ने पूर्व सांसद पोन्नम प्रभाकर को मैदान में उतारा होता, जैसा कि पहले अनुमान लगाया गया था, तो यह त्रिकोणीय मुकाबला होता लेकिन प्रभाकर अब हुस्नाबाद से मैदान में हैं।
बंदी संजय कुमार करीमनगर लोकसभा सीट से सांसद हैं। उन्होंने 2019 में पहली बार मोदी लहर के दम पर बीआरएस (तब यह तेलंगाना राष्ट्र समिति या टीआरएस) के मजबूत नेता बी विनोद को 89,508 वोटों से हराया था। कुछ महीने पहले दिसंबर 2018 में, वह विधानसभा चुनाव में कमलाकर से हार गए थे।पिछड़ा वर्ग से आने वाले बड़े नेता कमलाकर के लिए इस सीट से लगातार तीसरी जीत थी। फिर भी इस बार बंदी संजय कुमार के लिए और अधिक कड़ी चुनौती पेश करने की उम्मीद है। कमलाकर ने 2009 में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के उम्मीदवार के रूप में पहली बार से करीमनगर जीता था।
बंदी संजय कुमार को इस बार अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है क्योंकि पिछली बार उनका वोट शेयर बढ़ा था और इस बार भी इसमें बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है। 2014 में कमलाकर को 77,209 वोट (40.92% वोट शेयर) मिले और उन्होंने संजय कुमार को हराया, जिन्हें 52,455 वोट (27.8%) मिले थे। 2018 में उन्होंने 80,983 वोट (40.71% वोट शेयर) हासिल कर एक बार फिर बंदी कुमार को हराया, जिन्हें 66,009 वोट (33.18%) मिले थे। 2018 में कमलाकर और संजय कुमार दोनों को 2014 की तुलना में अधिक वोट मिले। हालांकि कमलाकर के वोट शेयर में मामूली गिरावट आई और बंदी संजय कुमार का वोट शेयर 5.38% बढ़ गया।
अगर कांग्रेस ने इस बार प्रभाकर को मैदान में उतारा होता तो मुकाबला कड़ा होता। 2018 में प्रभाकर को 39,500 वोट (19.86%) मिले, जिसने बीआरएस और भाजपा दोनों उम्मीदवारों के वोटों में कटौती की। भाजपा नेताओं ने कहा कि बंदी कुमार अपनी मजबूत हिंदू समर्थक छवि के साथ करीमनगर शहर क्षेत्र में लोकप्रिय हैं, जबकि कमलाकर की पकड़ विधानसभा सीट के दो अन्य क्षेत्रों करीमनगर ग्रामीण और कोथापल्ली पर है।
स्थानीय वकील के सी प्रताप ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “संजय कुमार करीमनगर शहर और आसपास के इलाकों में काफी लोकप्रिय हो गए हैं। अप्रैल में एसएससी हिंदी परीक्षा प्रश्न पत्र लीक मामले में कथित संबंधों के लिए आधी रात को हुई गिरफ्तारी, शिक्षकों के ट्रान्सफर के खिलाफ उनके विरोध और सरकारी नौकरियों के लिए समूह 1 और समूह 2 परीक्षाओं को रद्द करने के कारण उन्होंने खुद को मीडिया की सुर्खियों में बनाए रखा। वह आसानी से उपलब्ध हैं, लोगों की बात सुनते हैं और उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं।”
क्षेत्र के एक पिछड़े समुदाय से आने वाले नेता बी सीतारमैया ने कहा, “कमलाकर इन क्षेत्रों में प्रसिद्ध हैं, खासकर पिछड़े युवाओं के बीच। पिछड़े वर्ग के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद करने के लिए राज्य द्वारा संचालित अध्ययन केंद्र स्थापित करने के लिए उन्हें काफी पसंद किया जाता है। मुझे लगता है कि उसे हराना कठिन है।” करीमनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों (करीमनगर, चोपाडांडी (एससी), वेमुलावाड़ा, सिरसिला, मनकोंदुर, हुजूराबाद और हुस्नाबाद) में केवल हुजूराबाद में भाजपा विधायक एटेला राजेंदर हैं।