स्वाति मालीवाल के साथ हुई कथित मारपीट ने चुनावी मौसम में सियासी पारा बढ़ा दिया है। जो केस पहले सिर्फ सीएम आवास पर हुई पर एक घटना तक सीमित दिखाई दे रहा था, अब उसके साथ कई और परतें जुड़ चुकी हैं। इस मामले में FIR दर्ज है, कोर्ट के सामने बयान दिया जा चुका है, लेकिन इस सब से बढ़कर ये अब चुनावी मुद्दा बन चुका है। स्वाति मालीवाल मामले का असर आम आदमी पार्टी पर पड़ेगा, बीजेपी पर पड़ेगा और कांग्रेस के लिए भी असहजता बढ़ने वाली है।

आम आदमी पार्टी पर क्या असर पड़ेगा?

चुनावी मौसम में आम आदमी पार्टी कभी भी ऐसे विवाद में फंसना नहीं चाहती होगी। कथित शराब घोटाले ने पहले ही आंदोलन से निकली इस पार्टी को मुश्किलों में डाल रखा है। मनीष सिसोदिया जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, केजरीवाल जमानत पर बाहर चल रहे हैं और ईडी की जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। इस बीच स्वाति मालीवाल के आरोप और वायरल हो रहे एक मारपीट के वीडियो ने आम आदमी पार्टी के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है।

असल में अगर चुनाव की नजर से समझें, कथित शराब घोटाले और केजरीवाल की गिरफ्तारी ने महिलाओं को आम आदमी पार्टी की तरफ आकर्षित करना शुरू कर दिया था। इसका कारण ये था कि जब सीएम केजरीवाल जेल में थे, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल सड़कों पर आम आदमी पार्टी के पक्ष में माहौल बना रही थीं। सहानुभूति की एक लहर चलाने की साफ कवायद दिख रही थी।

ऐसा कहा जाने लगा था कि सुनीता की वजह से ही आम आदमी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में महिलाओं का अच्छा वोट मिलेगा। जिस तरह से सुनीता लगातार कह रही थीं कि ‘आपके भाई’ को जेल में बंद कर दिया, उसका असर महिला वर्ग पर होता दिख रहा था। समझने वाली बात ये भी है कि अरविंद केजरीवाल की फ्री वाली योजनाओं का सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली की महिलाओं को ही मिला है। ऐसे में केजरीवाल की गिरफ्तारी ने उस वर्ग में अपने सीएम के प्रति थोड़ी सहानुभूति पैदा कर दी थी।

लेकिन किसने सोचा था कि वो सहानुभूति सिर्फ कुछ दिनों की मेहमान है। स्वाति मालीवाल खुद आम आदमी पार्टी की सांसद हैं, लगातार अपनी बुलंद आवाज और महिला सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। अब उन्हीं के साथ सीएम आवास में मुख्यमंत्री के पीए द्वारा मारपीट का मामला सामने आया है। कोई उस घटना पर विश्वास ना भी करता अगर खुद स्वाति सामने से आकर FIR दर्ज नहीं करवा देती। अब तो एक वीडियो भी सामने आ चुका है, ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए जवाब देना काफी मुश्किल है।

गौर करने वाली बात ये भी है कि आम आदमी पार्टी इस समय काफी कन्फ्यूज हो चुकी है। आलम ये है कि एक तरफ संजय सिंह तो इस घटना की निंदा कर रहे थे, दूसरी तरफ आतिशी ने इसे बीजेपी की साजिश बता दिया। यानी कि एक ही पार्टी से दो बड़े नेताओं द्वारा दो अलग तरह के बयान दिए जा रहे हैं।

बीजेपी पर क्या असर पड़ेगा?

भारतीय जनता पार्टी इस बार एक बड़े लक्ष्य के साथ 2024 के रण में उतरी है। अब उस रण में कई काटे थे, कई चुनौतियां थीं, लेकिन पिछले कुछ दिनों में विपक्षी खेमें में ऐसी गलतिया हुई हैं जिसका सीधा फायदा बीजेपी को गया है। ऐसी ही गलती आम आदमी पार्टी से हो गई है। शराब घोटाले मामले में तो बीजेपी ने आप को घेरा ही, अब तो महिला सम्मान जैसा संवेदनशील मुद्दा भी उसके खाते में चला गया है। स्वाति मालीवाल के आरोपों में कितना दम, ये जांच का विषय, लेकिन बीजेपी ने नेरेटिव सेट कर दिया, आम आदमी पार्टी आधी आबादी का सम्मान नहीं करती है।

अब तो जिस तरह से आप नेता इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं, ये बीजेपी का काम और आसान कर सकता है। बीजेपी को एक फायदा ये भी दिख रहा है कि अब वोटरों के बीच मैसेज जाएगा कि भाजपा सिर्फ तब आवाज नहीं बुलंद करती जब वास्ता उसकी खुद की पार्टी से रहता है, पार्टी लाइन से हटकर भी वो महिला के सम्मान के लिए विरोध प्रदर्शन कर सकती है। अब बीजेपी जानती है कि उसकी प्रतिक्रिया भी राजनीति से प्रेरित है, लेकिन नेरेटिव वाली पॉलिटिक्स में ये सबकुछ मायने रखता है।

बीजेपी ये भी उम्मीद करेगी कि अब महिला वोटर एकमुश्त तरीके से उसे वोट करेंगी। पहले जरूर सहानुभूति फैक्टर जमीन पर दिख रहा था, लेकिन अब लोगों में स्वाति मालीवाल का विवाद वाला मुद्दा भी चर्चा का विषय बन रहा है।

कांग्रेस पर क्या असर पड़ेगा?

देश की सबसे पुरानी पार्टी इस समय संघर्ष वाले दौर से गुजर रही है। दिल्ली में तो उसकी हालत पिछले 10 साल में काफी खराब हुई है। ऐसे में इस बार आम आदमी पार्टी के साथ उसका गठबंधन था, केजरीवाल की लोकप्रियता से उसे भी सीटों पर फायदा मिल सकता था। लेकिन अब उससे उलट आम आदमी पार्टी के प्रति जो गुस्सा बनेगा, हो सकता है कि उसका असर कांग्रेस वाली सीटों पर भी पड़ जाए। कांग्रेस भाग भी नहीं पाएगी उन मुद्दों से क्योंकि अभी वो गठबंधन में है। यानी कि जो गुस्सा आप के प्रति रहेगा, उसका असर कांग्रेस पर भी पड़ सकता है।